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तेजस्वी की सभा में चिराग और मां पर राजद प्रत्याशी ने की आपत्तिजनक टिप्पणी, वायरल वीडियो से जमुई में मचा तूफान

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जमुई.

बिहार की जमुई (आरक्षित) सीट पर भी गया, औरंगाबाद और नवादा की तरह बुधवार की शाम चुनाव प्रचार थम जाएगा। लेकिन, जमुई सीट पर बहुत ही बड़ा खेला हो गया है। इस खेला के गवाह राष्ट्रीय जनता दल की कमान संभालने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी हैं, यह वीडियो दिखा रहा है। जी हां, यह खेला एक वीडियो से हुआ है। सारे समीकरण, गणित, चुनावी सभा पर भारी पड़ रहा है यह एक वीडियो। यह जमुई की एक बड़ी आबादी तक मंगलवार की शाम ही पहुंच गया।

रातभर इसे लोग देखते और फॉरवर्ड करते रहे। इस वीडियो में इतनी अश्लील बातें हो रहीं कि उसकी एक लाइन भी प्रकाशित नहीं की जा सकती, लेकिन यह तय है कि इसने हवा का रुख एक झटके में बदल दिया है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि तेजस्वी यादव जनसभा को संबोधित करने के लिए माइक पर हैं। उनके बगल में जमुई की राष्ट्रीय जनता दल प्रत्याशी अर्चना रविदास खड़ी हैं। मंच के ठीक सामने राजद की महिला प्रत्याशी के आगे चिराग पासवान और उनकी मां को लेकर आपत्तिजनक बातें कही जा रही हैं। एक बार नहीं, बार-बार। राजद समर्थक यह अपशब्द बोल रहे हैं और सामने राजद के पूर्व विधायक विजय कुमार को संबोधित करते हुए जीत का दावा कर रहे हैं। यह वीडियो मंगलवार का नहीं, लेकिन इसने मंगलवार से जैसे तूफान मचा दिया है। इस वीडियो के साथ लोग लिखकर वायरल कर रहे हैं कि जीतने के पहले यह हाल है, जीत गई तो क्या होगा?

छह में से पांच विधानसभा एनडीए के पास
जमुई लोकसभा सीट पर इस जिले का चार विधानसभा क्षेत्र और मुंगेर व शेखपुरा जिले का एक-एक क्षेत्र आता है। जमुई विधानसभा सीट भाजपा की श्रेयसी सिंह के नाम है। झाझा विधानसभा सीट जनता दल यूनाईटेड के पास, सिकंदरा विधानसभा सीट एनडीए के घटक हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा- सेक्युलर के पास। चकाई से निर्दलीय सुमित कुमार सिंह हैं, जो एनडीए सरकार में मंत्री हैं। उधर, मुंगेर जिलका का तारापुर विधानसभा भी जदयू के पास है। सिर्फ शेखपुरा जिले की शेखपुरा सीट पर राजद है। मतलब, इस गणित से एनडीए के पास दावा करने के लिए ज्यादा है।

महिला-पुरुष मतदाता बराबर हैं यहां
वायरल हुआ वीडियो इसलिए भी यहां मायने रख रहा है कि इसमें महिला के लिए अपशब्द कहे जा रहे हैं और यहां कुल 19.50 लाख वोटरों में करीब आधी संख्या महिला मतदाताओं की है। जमुई लोकसभा सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या 9.09 लाख है। यह वीडियो जिन महिलाओं के पास पहुंचा होगा, वह राजद की महिला प्रत्याशी के सामने किसी महिला के लिए अपमानजक शब्द सुनकर क्या फैसला लेगी- समझना बहुत मुश्किल नहीं।

राजद का आधार मजबूत, मगर इतिहास नहीं
जमुई लोकसभा सीट पर पिछली बार चिराग पासवान ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। यहां राजद का आधार वोट, यानी यादव सर्वाधिक बताए जाते हैं लेकिन पिछली बार महागठबंधन से प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ने दिया था। इस सीट पर यादव वोटरों की संख्या तीन लाख बताई जाती है। इसके बाद दो-दो लाख राजपूत-वैश्य वोटर हैं। एक-एक लाख भूमिहार-पासवान वोटर बताए जाते हैं। मुस्लिम वोटरों की संख्या डेढ़ लाख बताई जाती है। जातीय जनगणना के बावजूद जिलावार आंकड़ा नहीं आने के कारण यह अनुमानित आंकड़ा ही चुनाव गणित में बैठाया जाता है।

चिराग पासवान ने बहनोई को उतारा
इस सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान सांसद हैं। इस बार उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को यह सीट मिली तो, लेकिन चिराग पासवान ने खुद के लिए हाजीपुर सीट रखते हुए यहां बहनोई अरुण भारती को उतारा है। इस परिवारवाद के लिए चिराग पासवान जनता के निशाने पर हैं। ऐसा इसलिए भी कि अरुण भारती ने यहां पहले से कोई जमीन नहीं बनाई थी। नाम की घोषणा के बाद वह नए चेहरे के रूप में जमुई आए।

अर्चना रविदास की मेहनत काम आएगी?
करीब एक साल से अर्चना रविदास जमुई सीट पर सक्रिय थीं। जब राजद ने उन्हें प्रत्याशी बनाया तो यह अप्रत्याशित भी नहीं लगा। ताजा वीडियो वायरल होने के बाद राजद के खिलाफ नाराजगी उनकी इस मेहनत पर भारी पड़ेगी या नहीं, यह 19 अप्रैल को मतदान करने वाले तय कर लेंगे।

छोटी पार्टी, नोटा पर भी जाएगा ध्यान
जमुई लोकसभा सीट पर 2019 में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में उतरे पूर्व सांसद भूदेव चौधरी कई पार्टियों में रह चुके हैं। 2019 में उन्हें चिराग पासवान ने बड़े अंतर से लोकसभा चुनाव में हराया था। चिराग पासवान को 5.29 लाख से ज्यादा मत मिले थे, जबकि भूदेव चौधरी को 2.88 लाख से संतोष करना पड़ा था। भूदेव चौधरी अब राजद के विधायक हैं। उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी के साथ एनडीए खेमे में हैं। इस सीट पर पिछले चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने 31 हजार और NOTA ने 39 हजार वोट काटे थे। मतलब, इस बार भी ऐसे कारकों से दोनों महत्वपूर्ण प्रत्याशियों को जूझना होगा। ऐसा इसलिए भी, क्योंकि पद्मश्री से सम्मानित डॉ. जगदीश प्रसाद लोकतांत्रिक सामाजिक न्याय पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।