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रामनवमी पर अयोध्या में भगवान रामलला का हुआ सूर्य तिलक, श्रद्धालुओं को प्रसाद में बंटी धनिया की पंजीरी

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अयोध्या/नई दिल्ली.

अलौकिक राम मंदिर में रामनवमी का मुख्य पर्व बुधवार को पहली बार मनाया जाएगा। यह पहली रामनवमी भी ऐतिहासिक होगी। इस पर्व पर रामलला के प्राकट्य बेला में मध्याह्न भगवान के ललाट पर सूर्याभिषेक हुआ। सूर्य की रश्मियां सटीक रूप से ललाट के मध्य पर आज 11.58 मिनट से 12.02 मिनट तक रहीं। तकरीबन 4 मिनट तक रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य तिलक रहा। सूर्य की रोशनी रामलला पर इस तरह पड़ी, मानो भगवान राम को सूर्य तिलक लगाया हो।

राम नवमी पर दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद में धनिया की पंजीरी मिलेगी। वापसी मार्ग पर उन्हें प्रसाद दिया जाएगा। इसके अलावा 15 लाख पैकेट विशेष प्रसाद भी वितरित किया जाएगा। दर्शन मार्ग पर छाया के लिए जर्मन हैंगर लगाए गए हैं। धूप से पैर न जलें, इसके लिए मैट बिछाई जा रही है। दर्शन मार्ग पर पीने के पानी और टायलेट का भरपूर इंतजाम किया गया है। प्रसाद के निमित्त धनिया की पंजीरी की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है।
लाइव देख सकेंगे सूर्याभिषेक-

भक्त दूरदर्शन व अपने मोबाइल पर ही सूर्याभिषेक का सीधा प्रसारण देख सकेंगे। पूरे रामलला मंदिर परिसर को गुलाबी रंग की दमक रही एलईडी लाइटों से रोशन किया गया है। इस दौरान भवन निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र, तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव व न्यासी डा अनिल सहित अन्य वैज्ञानिक मौजूद रहे। उधर रामनवमी के पर्व पर रामलला का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए वापसी का नया रास्ता तैयार हो गया है। इस नये रास्ते पर भी रेड कार्पेट बिछा दी गयी है। टाटा कंसल्टेंसी की ओर से तैयार कराए इस मार्ग का निरीक्षण मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव ने अपने सहयोगियों के साथ किया।

राम नवमी के दिन मंदिर की टाइमिंग-

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय प्रभारी रामप्रकाश ने बताया कि सुबह पांच बजे मंगला आरती के बाद से मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। इसके बाद रात में 12 बजे शयन आरती के साथ ही राममंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे। यह व्यवस्था 18 अप्रैल तक लागू रहेगी।