तेहरान तेल अवीव
इजरायल और ईरान के बीच हमलों का एक राउंड खत्म हो गया है। इजरायल पर आरोप है कि उसने सीरिया में ईरानी कौंसुलेट पर हमला किया था, जिसमें ईरान के टॉप जनरल समेत 12 लोग मारे गए थे। इसके बाद ईरान ने बीते सप्ताह भीषण हमला इजरायल पर किया था। उसने करीब 300 मिसाइलों और ड्रोन्स से हमला किया था, जिसमें पहली बार इजरायल के सैन्य ठिकाने भी निशाने पर आए। अब कयास लग रहे हैं कि इजरायल की ओर से कभी भी ईरान पर अटैक हो सकता है। इस बदले की कार्रवाई के चर्चे हैं और इस बीच ईरान ने धमकी दी है कि यदि ऐसी हिमाकत इजरायल ने की तो फिर जवाब में ऐसे हथियार इस्तेमाल होंगे, जो अब तक नहीं किए गए।
ईरान की इस धमकी को परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से जोड़ा जा रहा है। ईरान ने कहा कि यदि इजरायल ने अटैक किया तो फिर हमारी कार्रवाई में सेकेंड भर की भी देर नहीं होगी। इजरायल के मिलिट्री चीफ हेरजी हलेवी ने कहा है कि हम बदला लेने के लिए अगले कदम पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम जवाब तो देंगे। वहीं ईरान के उप-विदेश मंत्री अली बघेरी कान ने कहा कि ऐसा कुछ भी हुआ तो ईरान की ओर से जवाब देने में कुछ सेकेंड ही लगेंगे। यही नहीं हमारा जवाब भी इस बार तगड़ा होगा और ऐसे हथियार इस्तेमाल किए जांगे, जो अब तक नहीं किए गए।
इजरायल पर हमले के बाद सहमा ईरान, परमाणु ठिकानों पर क्यों लगाया ताला?
युद्ध के नया मोड़ लेने की आशंकाएं इसलिए भी बढ़ गई हैं क्योंकि 24 घंटे के अंदर दूसरी बार इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने वॉर कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है। अब तक नेतन्याहू सरकार ने कोई ऐलान नहीं किया है, लेकिन उसके रवैये से आशंका है कि ईरान पर हमला हो सकता है। इजरायल के पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी अफसरों से कह दिया है कि हमारी रक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा, हम वह कदम उठाएंगे। इसके अलावा इजरायली मिलिट्री चीफ ने कहा, 'हम सोच रहे हैं कि कैसे जवाब दिया जाए। हमारे देश पर मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन्स से अटैक है। उसका माकूल जवाब तो देना ही होगा।'
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इजरायल के चैनल 12 की न्यूज के मुताबिक वॉर कैबिनेट में यह चर्चा हुई है कि ईरान को जवाब देने के लिए क्या विकल्प मौजूद हैं। हालांकि एक सावधानी यह बरती जा रही है कि पूरी तरह से जंग शुरू न हो। यह रास्ता निकाला जा रहा है कि ईरान को जवाब भी मिल जाए और पूरी तरह से युद्ध न छिड़े। खबर यह भी है कि इजरायल की हरकतों को देखते हुए ईरान पहले से ही तैयार है और उसने अपनी सीमाओं पर खतरनाक हथियारों की तैनाती कर दी है। इनमें मारक मिसाइलें शामिल हैं।