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मध्य प्रदेश की 29 में से 26 सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने के बाद अब चुनाव प्रचार में ताकत लगा रही मायावती

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भोपाल
लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 29 में से 26 सीटों पर प्रत्याशी घोषित करने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अब चुनाव प्रचार में ताकत लगा रही है। पार्टी का सबसे अधिक फोकस उत्तर प्रदेश की सीमा से लगी लोकसभा सीटों पर हैं। पार्टी प्रमुख मायावती की इस चुनाव में पहली सभा 19 अप्रैल को रीवा में होने जा रही है।

यहां से वह रीवा और सतना दोनों सीटों को साधेंगी। यहां दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है। इसके बाद तीसरे चरण में शामिल मुरैना लोकसभा सीट में वह 28 अप्रैल का जनसभा करेंगी। यहां सात मई को मतदान होगा। लोकसभा चुनाव में रीवा से तीन बार और सतना से एक बार बसपा जीत चुकी है, इसलिए पार्टी को यहां से अधिक उम्मीद रहती है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में मायावती ने प्रदेश में नौ जिलों में 10 जनसभाएं की थीं। हालांकि, पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।

विधानसभा चुनाव परिणामों की रोशनी में देखें तो रीवा लोकसभा सीट के अंतर्गत आठ विधानसभा सीटों में बसपा दूसरे या तीसरे स्थान पर रही है। पार्टी को आठ हजार से लेकर 44 हजार तक मत मिले थे। सभी विधानसभा सीटों की बात करें तो पार्टी को दो लाख दो हजार 50 मत मिले थे, जो कुल डाले गए मतों का 16.34 प्रतिशत है। विंध्य अंचल में जातिगत समीकरणों की बड़ी भूमिका रहती है। इस कारण भी पार्टी को यहां से ज्यादा उम्मीद रहती है।

रीवा में मायावती की सभा से सतना सीट को साधने की भी कोशिश है। यहां अलग-अलग दल से चार बार के विधायक नारायण त्रिपाठी पहली बार बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा से गणेश सिंह और कांग्रेस से सिद्धार्थ कुशवाहा मैदान में हैं। जातिगत समीकरणों के चलते नारायण त्रिपाठी के आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। विंध्य की तरह ग्वालियर-चंबल अंचल में भी बसपा अच्छी स्थित रही है। विधानसभा चुनावों में बसपा के उम्मीदवार जीते भी हैं।

मुरैना लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभा सीट में भी पार्टी कहीं दूसरे तो कहीं दूसरे तो कहीं तीसरे स्थान पर रही। उसके प्रत्याशियों को अधिकतम 56 हजार तक मत मिले थे। सभी सीटों के मत जोड़ें तो बसपा को तीन लाख दो हजार 113 मत मिले थे जो कुल डाले गए मतों को 20.87 प्रतिशत है।