Home देश मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की, दिल्ली-UP समेत इन इलाकों में खूब होगी...

मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की, दिल्ली-UP समेत इन इलाकों में खूब होगी बारिश

15

नई दिल्ली
मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि इस साल मानसून सीजन में बादल खूब बरसेंगे और देशभर में औसतन 87 सेंटीमीटर बारिश होगी। मौसम विभाग ने दक्षिण-पश्चिम मानसून का दीर्घकालीन पूर्वानुमान जताते हुए कहा है कि मानूसन के मौसम यानी जून से सितंबर के बीच सामान्य से अधिक (106% से ज्यादा) बारिश होने का अनुमान है। IMD ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि मौजूदा समय में अल-नीनो भूम्ध्यरेखा के पास प्रशांत क्षेत्र में है, जो धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, अल नीनो के कमजोर पड़ने के बाद मानसूनी सीजन के दौरान ला-नीना का प्रभाव बढ़ने वाला है। इसकी वजह से देशभर में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की जा सकती है। मानूसनी बारिश के दीर्घकालीन पूर्वानुमानों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स को संबोधित करते हुए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा कि 1971 से 2020 तक के वर्षा के आंकड़ों के आधार पर दीर्घकालीन पूर्वानुमान जारी किए गए हैं।

रविचंद्रन के मुताबिक, एक जून से 30 सितंबर तक यानी कुल चार महीनों में देशभर में कुल औसत बारिश 87 सेंटीमीटर हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक 106 फीसदी के दीर्घकालीन वर्षा अनुमान में 5 फीसदी की कमीबेशी हो सकती है। इसके साथ ही IMD  कहा है कि देशभर के अधिकांश इलाकों में सामन्य बारिश हो सकती है लेकिन उत्तर-पश्चिमी राज्यों यानी राजस्थान, गुजरात, पंजाब और जम्मू कश्मीर, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के गंगीय इलाके और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में सामान्य से भी कम बारिश दर्ज किए जा सकते हैं। IMD  ने कहा है कि सामान्य से ज्यादा बारिश (104 से 110%) की संभावना 29 फीसदी है।

मौसम विभाग ने आंकड़ों के आधार पर कहा है कि पिछले  22  ला-नीना प्रभाव के वर्षों में सामान्य से ज्यादा या सामान्य बारिश दर्ज की गई है। IMD के मुताबिक, हालांकि साल 1974 और 2000 इसके अपवाद रहे हैं, जब ला-नीना के बावजूद सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई थी। बता दें कि अल-नीनो और ला-नीना मौसमी पैटर्न हैं। यह महासागरों में तापमान की स्थिति पर बनता है। जिस साल अल-नीनो का प्रभाव होता है, यानी महासगारीय जल का तापमान ज्यादा होता है, उस साल मानसून कमजोर होता है और सामान्य से कम बारिश दर्ज की जाती है, जबकि ला-नीना उससे उलटा है। जब ला-नीना का प्रभाव होता है तो मानसूनी जलवायु अनुकूल होती है और उस साल मानसूनी बारिश सामान्य या सामान्य से ज्यादा होती है।