पटना
लोकसभा चुनाव 2024 के बीच समर में राजद में भगदड़ की स्थिति बन गयी है। अब पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव ने बगावत कर दिया है। उन्होंने पार्टी सुप्रीमो लालू यादव और तेजस्वी यादव के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं। माना जा रहा है कि वे पार्टी से बाहर जा सकते हैं हालांकि खुद इस्तीफा देने के बदले पार्टी की ओर से कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंनें नरेंद्र मोदी की तर्ज पर लालू यादव पर सिद्धांत से समझौता और परिवारवाद करने का आरोप लगाया है। इससे पहले पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम और पूर्व मंत्री वृषिण पटेल ने आरजेडी को बाय-बाय कर दिया है। अशफाक करीम तो नीतीश की पार्टी जदयू में शामिल हो चुके हैं। उससे पहले बांका से राजबल्लभ यादव के भाई विनोद यादव ने पार्टी छोड़कर महागठबंधन के प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा के खिलाफ चुनाव के मैदान में उतर चुके हैं।
रविवार को अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि लालू यादव असल में पारिवारिक न्याय के पुरोधा हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव हो गया है। पार्टी कार्यकर्ताओं के बदले आयातित लोगों को टिकट दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पप्पू यादव के साथ न्याय नहीं किया गया। उन्हें अभिमन्यु की तरह घेरा गया। लेकिन वह लाक्षागृह भेदकर निकलेगा।
देवेंद्र यादव ने लालू को चुनौती दी कि यादव समाज के लोग किसी कोठी के अनाज नहीं हैं। आज साम्प्रदायिक लोगों को पार्टी में शामिल किया जा रहा है। अभी तो राजद से विकेट गिरना शुरू हुआ है, अभी देखिए कितना और विकेट गिरेगा। पुराने दिनों को याद करते हुए राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि लालू यादव ने उन्हें जेल से फोन किया था और कहा था कि तेजस्वी को आशीर्वाद दीजिए। हमने अपना फर्ज निभाया लेकिन आज लालू जी सिद्धांत से समझौता कर रहे हैं। बागी रुख दिखाते हुए उन्होंने कहा कि साथियों से विमर्श करके आगे रास्ता तय करेंगे।
देवेंद्र यादव नेकहा कि लालू यादव ने कई लोगों का रास्ता रोका। वह उन लोगों का लिस्ट निकालने जा रहे हैं। आरजेटडी में पहले यूज एंड ग्रो था, आज हमारे नेता यूज एंड थ्रो को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं। उन्होंने दावा किया किया आरजेडी लोकसभा चुनाव में विधान सभा चुनाव की तैयारी कर रही है। लेकिन 2024 नहीं जीतेंगे तो 2025 कहां से जीतेंगे? उन्होंने समर्पित कार्यकर्ताओं और नेताओं की भावनाओं को कुचले जाने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी में उम्मीदवार ही नहीं मिल हैं कि बाहर से आए नेताओं को सिंबल दिया जा रहा है। कहा कि जनाधारविहीन नेताओं का सुझाव ले कर काम किया जा रहा है।
देवेंद्र यादव ने कहा कि मेरा राजनीतिक जीवन लालू जी के साथ शुरू हुआ। हमारे सामने पैदा हुए नेता का नाम लेकर हम उसका कद नहीं बढ़ाना चाहते। हम लालू यादव को पटरी पर लाने के लिए यह बात बोल रहे हैं। लोकतांत्रिक तानाशाही वास्तविक तानाशाही से भी भी अधिक खतरनाक होती है। मुझे टिकट की परवाह नहीं क्योंकि पांच बार सांसद रहा। हमारी जगह किसी कार्यकर्ता को टिकट दे दें लेकिन यहां तो आरएसएस के लोगों को टिकट दिया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि राजद को बनाने में केवल लालू जी का या केवल हमारा योगदान नहीं, हजारों सैकड़ों लोगों का योगदान है। हमने समाजवादी नेता कर्पूरी जी के लिए इस्तीफा दिया। हम तो लव लेटर का इंतजार कर रहे हैं कि करें हमपर कार्रवाई करें।