नई दिल्ली.
गंगा जल पवित्र है। लेकिन गंगा जल में रहने वाली मछली अपवित्र कैसे हुई? कोई जब चाहे मछली खाए, इसमें अपवित्रता कहां से आई? बड़ा सवाल है। तमिलनाडु से एसवी रमणी का कहना है कि मछली इस देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा महत्व रखती है। रमणी का कहना है कि राजद नेता तेजस्वी के मछली खाने वाले वीडियो पर हल्ला बोलकर भाजपा फंस गई है। उत्तर प्रदेश में संजय निषाद की पार्टी के एक विधायक से इस मामले में फिलहाल कुछ बोलते नहीं बन रहा है।
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार संजय वर्मा कहते हैं कि मछली के वीडियो प्रकरण पर प्रधानमंत्री ने टिप्पणी करके इसे बड़ा मुद्दा बना दिया। मुझे नहीं लगता कि इससे भाजपा का भला होगा। भाजपा के पूर्वी उत्तर प्रदेश से एक विधायक हैं। नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि तालाब में तीन-चार मछली मिल गईं, तो भोजन हो जाता था। अब क्या कहें? सूत्र का मानना है कि इस मुद्दे को तूल देने से पार्टी को नुकसान हो सकता है। शांतनु बनर्जी पश्चिम बंगाल में वरिष्ठ पत्रकार हैं। वह कहते हैं कि बंगाल और मछली? क्या खूब रिश्ता है? टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी ने भी मछली पर भाजपा के बयानों को लेकर उसे घेर लिया है। अभिषेक इसे भरपूर बंगाल का रंग देने में जुटे हैं। असम में जोरहाट की नेता कहती हैं कि मछली तो पूरे भारत में खाई जाती है। कई राज्यों में इसका नवरात्र से कोई लेना-देना नहीं है।
तेजस्वी यादव आईक्यू चेक कर रहे थे?
समाजवादी पार्टी के नेता संजय लाठर कहते हैं कि मछली के मुद्दे को छेड़कर भाजपा बुरी तरह से फंस गई है। इसने तमाम पिछड़ी और दलित जातियों में भाजपा के प्रति नाराजगी बढ़ानी शुरू कर दी है। संजय लाठर कहते हैं कि इस पर तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया और तंज भी जोरदार है। दरअसल राजद के नेता तेजस्वी यादव ने मुकेश सहनी के साथ साझा किए इस वीडियो में तारीख का भी हवाला दिया था। यह वीडियो आठ अप्रैल का था। नवरात्र से एक दिन पहले का। भाजपा के नेताओं द्वारा इस वीडियो पर राजनीतिक घमासान मचाने के बाद तेजस्वी यादव ने तंज भी कस दिया। उन्होंने कहा कि वह इस वीडियो को शेयर करके भाजपा और आरएसएस के नेताओं की बौद्धिकता जांच रहे थे। तेजस्वी ने कहा कि भाजपा के नेता का पढ़ने-लिखने से कोई मतलब नहीं होता? तेजस्वी यादव का यह बयान बिहार में खूब चर्चा में है। उनकी जनसभाओं में भीड़ उमड़ रही है। तेजस्वी यादव के इस कौशल से राहुल गांधी का सचिवालय भी खुश है। कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री तो यहां तक कहते हैं कि बिहार में तेजस्वी यादव के भरोसे ही विपक्ष की राजनीति चल रही है।