नई दिल्ली
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, बुनियादी ढांचे के निर्माण पर सरकार के निरंतर जोर, निजी निवेश में बढ़ोतरी और व्यापार आशावाद निवेश चक्र को बढ़ाने में मददगार होंगे। इनका लाभ अर्थव्यवस्था में उत्पादकता और विकास को बढ़ावा देने में मिलेगा। आरबीआई की मौद्रिक नीति रिपोर्ट अप्रैल, 2024 के अनुसार, कमजोर वैश्विक मांग की चुनौतियों का सामना करते हुए मजबूत बुनियादी सिद्धांतों द्वारा समर्थित घरेलू आर्थिक गतिविधि, 2023-24 की पहली छमाही में मजबूत रही। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि निश्चित निवेश ने जहां वास्तविक जीडीपी वृद्धि को प्रेरित किया है वहीं निजी खपत को शहरी मांग से समर्थन मिला है।
ग्लोबल सप्लाई चेन में सुधार
आपूर्ति पक्ष की बात करें तो मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों में मजबूत आई और कम इनपुट लागत और वैश्विक सप्लाई चेन में सुधार से लाभ हुआ है। आवास की बढ़ती मांग और बुनियादी ढांचे पर सरकार के जोर के कारण निर्माण गतिविधि मजबूत रही। रिपोर्ट में कहा गया है कि भविष्य में निजी खपत को ग्रामीण मांग की बेहतर संभावनाओं और बढ़ते उपभोक्ता विश्वास से समर्थन मिलेगा।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) को 11 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की है। सरकार ने 2023-24 में पूंजीगत व्यय को 37.5 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। सर्वे में दर्शाया गया है कि निजी पूंजीगत व्यय चक्र के लगातार व्यापक होने के कारण निवेश गतिविधि की संभावनाएं उज्ज्वल बनी हुई हैं।