Home राजनीति केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इंडिया गठबंधन की अपनी सहयोगी पार्टी...

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इंडिया गठबंधन की अपनी सहयोगी पार्टी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा

6

तिरुवनंतपुरम
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को इंडिया गठबंधन की अपनी सहयोगी पार्टी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र की आलोचना करते हुए विजयन ने कहा कि यह 'सांप्रदायिक हिंदुत्व राजनीति' से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने में फेल है। अलप्पुझा में अपने संबोधन के दौरान विजयन ने कहा, "सीपीआई (एम) का घोषणापत्र विभाजनकारी सीएए को रद्द करने के अपने इरादे को स्पष्ट रूप से बताता है, लेकिन कांग्रेस के घोषणापत्र में इस मामले पर स्पष्ट चुप्पी दिखती है।"

अपने घोषणापत्र में, सीपीआई (एम) ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) जैसे "कठोर" कानूनों को खत्म करने का वादा किया है। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के मुखर आलोचक विजयन ने पहले ही घोषणा कर दी है कि उनकी सरकार CAA को केरल में लागू नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक पोषक संगठन ने सीएए के माध्यम से नागरिकता के लिए पात्रता प्रमाण पत्र का वितरण शुरू कर दिया है।

सीपीएम नेता ने आगे कहा, “इन घटनाक्रमों के बावजूद, कांग्रेस इस कानून पर खुलकर टिप्पणी नहीं करती है। यह रुख नागरिकता संशोधन कानून पर कांग्रेस पार्टी के रवैये पर सवाल उठाता है। कांग्रेस का रुख हमेशा संघ परिवार के साथ जुड़ा रहा है।” बता दें कि केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) एक-दूसरे से लड़ रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर दोनों इंडिया समूह में हैं।

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी किया जिसमें उसने जाति आधारित जनगणना कराने, आरक्षण की सीमा बढ़ा कर 50 प्रतिशत से अधिक करने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने तथा चुनावी बॉण्ड, राफेल एवं पेगासस जैसे ‘भ्रष्टाचार के मामलों’ की जांच कराने का वादा किया। पार्टी ने नयी शिक्षा नीति में संशोधन करने, दल-बदल करने वालों सांसदों-विधायकों की सदस्यता रद्द करने का कानूनी प्रावधान करने, ऊपरी अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति करने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग गठित करने सहित कई अन्य वादे अपने इस घोषणापत्र में किए हैं। यह घोषणापत्र पार्टी के 10 न्याय – ‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’, ‘युवा न्याय’, ‘संविधान न्याय’, ‘आर्थिक न्याय’, ‘राज्य न्याय’ , ‘रक्षा न्याय’ और ‘पर्यावरण न्याय’ के आधार पर तैयार किया है। इससे पहले, पार्टी ने पांच ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ जनता के समक्ष रखी थी।

विजयन ने कहा कि आने वाला चुनाव देश का भविष्य तय करेगा और कांग्रेस को वोट देने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा, "पिछले पांच साल के अनुभव से लोग समझ गए हैं कि कांग्रेस पार्टी को वोट देने का कोई मतलब नहीं है। वामपंथी दल देश में खतरनाक नीतियां लागू करने वाली भाजपा को उखाड़ फेंकने के लिए लोगों से वोट मांग रहे हैं।" केरल में लोकसभा की 20 सीटे हैं। यहां आम चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।