नई दिल्ली
आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट ने एक बार फिर झटका दिया है। अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए उनकी न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी है।
स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने पहले दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म होने पर अदालत में पेश किए जाने के बाद आज फिर से सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए 'आप' सांसद संजय सिंह जो इस कथित घोटाले में सह अभियुक्त हैं वो भी कार्यवाही के लिए अदालत में पेश हुए।
सीबीआई के साथ-साथ ईडी ने भी आरोप लगाया है कि दिल्ली शराब नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं बरती गईं। लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया। लाइसेंस फीस माफ कर दी गई या कम कर दी गई और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंस बढ़ा दिए गए।
जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि लाभार्थियों ने कथित तौर पर अवैध लाभ को आरोपी अधिकारियों तक पहुंचाया और जांच से बचने के लिए अपनी अकाउंट बुक में गलत एंट्रियां कीं।
बता दें कि, सीबीआई ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 9 मार्च, 2023 को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। 28 फरवरी 2023 को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही वह न्यायिक हिरासत में हैं।
गौरतलब है कि, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद दिल्ली सरकार द्वारा इस साल जुलाई में नीति को वापस ले लिया गया था। बता दें कि, सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में मनीष सिसोदिया समेत कई लोगों तथा संस्थाओं को नामजद किया गया था। सीबीआई ने इस सिलसिले में सिसोदिया और उनके करीबियों ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।