भोपाल।
राजधानी में नई कलेक्टर गाइडलाइन के जारी होने के बाद अब नगर निगम ने यहां पर बन रही अवैध कालोनियों के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। सिटी प्लानिंग कार्यालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस संबंध में शहर में बनी अवैध कालोनियों की लिस्टिंग हो गयी है। और लोकसभा चुनाव के बाद इनके खिलाफ कार्यवाही तेज हो जाएगी। जिसके पहले चरण में कई कालोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर भी की जाएगी।
न डायवर्सन न परमिशन
राजधानी के आसपास के एरिया में बनने वाली कालोनियों का पिछले दिनों नगर निगम और नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा सर्वे कर इसकी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी गयी थी। इसमें पाया गया था कि शहर के चारों क्षेत्रों में बन रही 92 अवैध कालोनियां तेजी से कट रही हैं। बिना डायवर्सन व बिना अनुमति से अवैध कालोनी विकसित करके बेचने वालों के खिलाफ शहर के तमाम थानों में मामले दर्ज किए जाने थे लेकिन कुछ हुआ नहीं।
फाइल को नए सिरे से खोला गया
नगर निगम प्रशासन के निर्देश पर पुलिस में 292 सी मप्र नगर पालिका अधिनियम के तहत दर्ज शिकायतों पर सैकड़ों लोगों के खिलाफ शहर के मिसरोद, कोलार, रातीबड़, सूखी सेवानियां, खजूरी सड़क, बिलखिरिया, छोला मंदिर, अयोध्या नगर थाने में 150 से अधिक एफआइआर दर्ज कराई जानी थी लेकिन वह नहीं करायी गयी। इसके बाद से अब तक सिर्फ कालोनाइजरों से वसूली की गई, लेकिन एक पर भी एफआइआर नहीं की गई है। अब इनके खिलाफ फाइल को नए सिरे से खोला गया है।
रिपोर्ट में क्या कहा है…
नगर निगम और नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा कलेक्टर को सौंपी गई रिपोर्ट में पांच थाना क्षेत्र की कालोनियों को चिह्नित किया गया है। कालोनाइजर, बिल्डर और किसानों के द्वारा न तो टीएंडसीपी से नक्शा अनुमोदित कराया गया है और न ही कालोनी विकास की अनुमति ही ली गई है। तत्कालीन कलेक्टर आशीष सिंह ने इन पर वैधानिक कार्रवाई के लिएपुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र को पत्र लिखा था। उसमें कहा गया था कि मुख्य नगर निवेशक, नगर पालिका निगम द्वारा दी गई सूची अनुसार व्यक्तियों, संस्था, बिल्डर, कालोनाइजर द्वारा आम जनता को भ्रामक जानकारी एवं धोखा देकर भवन-भूखंड का विक्रय किया जा रहा है। इससे लोगों को बाद में परेशानी का सामना करना पड़ता है।