मुजफ्फरपुर
बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट है। इस सीट पर पहली बार साल 1952 में कांग्रेस के टिकट पर श्याम नंदन सहाय चुनाव जीते थे, लेकिन दूसरे ही चुनाव में कांग्रेस की हार हो गई और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के अशोक रंजीतराम मेहता चुनाव जीते। हालांकि इसके बाद लगातार तीन बार यानी 1962 से 1971 तक मुजफ्फरपुर पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा।
1962 और 1967 में दिग्विजय नारायण सिंह तो 1971 में नवल किशोर सिन्हा यहां से चुनाव जीते। 1977 और 1980 में यह सीट जनता पार्टी के खाते में गई और जॉर्ज फ़र्नान्डिस सांसद चुने गए। 1984 में कांग्रेस के टिकट पर ललितेश्वर प्रसाद शाही इस सीट से सांसद बने। इसके बाद 1989 और 1991 में लगातार दो बार जॉर्ज फ़र्नान्डिस जनता दल के टिकट पर मुजफ्फरपुर से चुनकर संसद पहुंचे। 1996 में भी सीट तो जनता दल के पास ही रही लेकिन इस बार सांसद जय नारायण निषाद बने। 1998 में जय नारायण निषाद आरजेडी के टिकट पर सांसद बने तो 1999 में जेडीयू के टिकट पर चुने गए। 2004 में एक बार फिर से जॉर्ज फ़र्नान्डिस जेडीयू के टिकट पर दिल्ली पहुंचे।
2009 में भी यह सीट जेडीयू के खाते में ही गई और जय नारायण निषाद सांसद बने जबकि 2014 में मोदी लहर में पहली बार इस सीट पर कमल खिला और यहां से अजय निषाद सांसद चुने गए। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी कैंडिडेट अजय निषाद ने जीत हासिल की थी। लेकिन 2024 में बीजेपी ने अजय निषाद को टिकट नहीं दिया है। बीजेपी ने मुजफ्फरपुर से इस बार राजभूषण चौधरी निषाद को टिकट दिया है।
मुजफ्फरपुर लोकसभा के तहत आती हैं विधानसभा की 6 सीटें
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं, जिनमें मुजफ्फरपुर जिले की गायघाट, औराई, बोचहां, सकरा, कुड़हनी और मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कैंडिडेट अजय निषाद ने जीत हासिल की थी। अजय निषाद ने 6 लाख 66 हजार 878 वोट हासिल किया था। वहीं वीएसआईपी के कैंडिडेट राजभूषण चौधरी ने 2 लाख 56 हजार 890 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया तो वीपीआई के टिकट पर सुखदेव प्रसाद ने 24 हजार 526 वोट लाकर तीसरा स्थान हासिल किया।
एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर बीजेपी के अजय निषाद ने 4 लाख 69 हजार 295 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं कांग्रेस के अखिलेश सिंह 2 लाख 46 हजार 873 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि जेडीयू के विजेंद्र चौधरी को 85 हजार 140 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।