खजुराहो
खजुराहो लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी मीरा दीपनारायण यादव का नामांकन फॉर्म रिजेक्ट हो गया है। नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं करने और पुरानी नामावली लगाने के चलते पन्ना जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार मिश्रा ने यह फैसला लिया है। नामांकन रद्द होने के खिलाफ सपा प्रत्याशी मीरा यादव हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रही हैं।
मीरा यादव ने नामांकन फॉर्म पर नहीं किए हस्ताक्षर
मप्र में इंडिया गठबंधन को तगड़ा झटका लगने की खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि खजुराहो सीट से सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त हो गया है। फाॅर्म पर हस्ताक्षर नहीं करने और पुरानी नामावली के चलते पन्ना जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार ने नामांकन निरस्त किया। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। सपा की ओर से भी इसे गलत बताया जा रहा है।
गठबंधन में सपा के खाते में गई थी सीट
बता दें कि गठबंधन के चलते कांग्रेस ने यह सीट समाजवादी पार्टी (सपा) को दी थी, इस कारण यहां किसी प्रत्याशी को नहीं उतारा गया था। अगर, मीरा यादव का नामांकन निरस्त होता है तो बड़ी पार्टी का कोई भी प्रत्याशी भाजपा के वीडी शर्मा के सामने नहीं होगा। हालांकि, सभा के अलावा करीब 15 अन्य प्रत्याशियों ने खजुराहो सीट से नामांकन दाखिल किया है।
कांग्रेस हारी हुई लड़ाई लड़ रही
कांग्रेस के घोषणा पत्र को मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने चुनाव ने कांग्रेस का कर्मकांड बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हारी हुई लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को न्याय पत्र का नाम दिया है, लेकिन कांग्रेस अन्याय के पहाड़ पर बैठी हुई है। कांग्रेस पूरे देश के किसान, गरीब, मजदूर और युवा सबके साथ अन्याय करते हुए अपना समय गुजारा है। न्याय शब्द कांग्रेस के मुंह से शोभा नहीं देता। उन्होंने महिलाओं के साथ अन्याय किया। मध्यप्रदेश की 29 सीटों में से सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस महिला उम्मीदवार लड़ा रही है, जबकि भाजपा 6 सीटों पर महिलाओं को उतारा है। कांग्रेस के सभी बड़े नेता और विपक्ष के नेता, इंडिया गठबंधन के सब लोग अपने परिवार से बाहर किसी की हिस्सेदारी बर्दाश्त नहीं करते। उन्होंने गरीब, मजदूर, युवा के साथ कौन कौन से घोटाले नहीं किए?