तेहरान
ईरान में बड़ा आतंकी हमला हुआ है. बलूच ग्रुप जैश अल-अदल ने पाकिस्तान की सीमा से सटे ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के हथियार डिपो और पुलिस स्टेशन पर हमला किया है. सुन्नी आतंकी ग्रुप ने सिलसिलेवार हमले किए हैं.
सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत के डिप्टी गवर्नर ने बताया कि ईरान के चाबहार और रस्क में आईआरजीसी के बेस और पुलिस स्टेशन पर हमले किए गए हैं. जैश अल-अदल ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. इस दौरान ईरान सुरक्षाबलों के तीन सैनिकों की मौत हुई है.
ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी आईआरआईबी के मुताबिक, चाबहार के एक पुलिस स्टेशन पर भी हमला किया गया. इस हमले में पुलिस के एक डिप्टी इंस्पेक्टर की मौत हो गई. हमले में कई हमलावर भी मारे गए हैं और घायल हुए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 में बने जैश अल अदल आतंकी ग्रुप को ब्लैकलिस्ट किया गया है. उसने हमले की जिम्मेदारी भी ले ली है.
बता दें कि ये हमला दमिश्क में ईरान के कॉन्सुलर एनेक्स पर एयरस्ट्राइक के लगभग 48 घंटे बाद हुआ है. इस हमले में आईआरजीसी के सात सैनिकों की मौत हुई थी. इनमें से दो जनरल रैंक के अधिकारी थे.
'IRGC हेडक्वार्टर को कब्जे में लेना चाहते थे आतंकी'
वहीं, ईरान के डिप्टी गृहमंत्री माजिद मिरहमादी ने बताया कि आतंकियों की योजना चाबहार और रस्क में आईआरजीसी के हेडक्वार्टर को कब्जे में लेने की थी. लेकिन वे इसमें नाकाम रहे. उन्होंने कहा कि आईआरजीसी के हेडक्वार्टर के आसपास से आतंकी लगातार अंधाधुंध फायरिंग कर रहे थे.
बता दें कि आईआरजीसी दरअसल ईरान की सेना की इकाई है, जिसके सिस्तान-बलूचिस्तान में कई बेस हैं. यह इलाका पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा से सटा हुआ है.
600 आतंकियों का संगठन है जैश अल अदल
जैश-अल-अद्ल यानी कि "न्याय की सेना" 2012 में स्थापित एक सुन्नी आतंकवादी समूह है जो बड़े पैमाने पर पाकिस्तान में ऑपरेट होता है. पाकिस्तान के सिस्तान-बलूचिस्तान से ऑपरेट करना वाला ये आतंकी संगठन ईरान और पाकिस्तान की सीमा पर काफी एक्टिव है. यही वजह है कि ये संगठन दोनों ही सरकारों के लिए सिरदर्द बना हुआ है.
अमेरिका और ईरान दोनों ही इस संगठन को आतंकी घोषित किया हुआ है. इस सुन्नी संगठन में 500 से 600 आतंकी हैं. ईरान के मंत्री अहमद वाहिदी के अनुसार, पिछले महीने, दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान के एक पुलिस स्टेशन पर रात को हुए हमले में कम से कम 11 ईरानी पुलिस अधिकारी मारे गए थे. ईरान ने इस घटना के लिए जैश-अल-अद्ल को दोषी ठहराया था.
जैश अल अद्ल की करतूतें
अमेरिका के डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस (डीएनआई) के मुताबिक, जैश अल अद्ल ने 2013 से ईरान की सीमावर्ती पुलिस और सेना पर लगातार कई हमले किए हैं. ये संगठन सरकारी अधिकारियों और नागरिकों की हत्या, अपहरण, हिट एंड रन और रेड जैसी गतिविधियों में शामिल रहा है.
इस संगठन ने 2013 में पहली बार तब सुर्खियां बटोरी थीं, जब उसने ईरान के 14 सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी. इसके बाद ईऱान सरकार ने कुछ बलोच कैदियों के लिए फांसी की सजा का ऐलान किया था. इस हमले के अगले ही दिन ईरान ने कई कैदियों को फांसी की सजा दे भी दी थी.