कटिहार.
लोक सभा चुनाव से पहले बिहार में कांग्रेस को एक बार फिर एक बड़ा झटका लगा है। बिहार कांग्रेस नेता उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने पार्टी छोड़ दी है। कांग्रेस में पप्पू यादव की एंट्री को उन्होंने पार्टी छोड़ने का मुख्य कारण बताया है। साथ ही उन्होंने महागठबंधन का हिस्सा नहीं होने का भी ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि 2004 में जब मैं कांग्रेस में था उस समय कांग्रेस पार्टी का गठबंधन रामविलास पासवान की पार्टी से था, उस समय भी पप्पू यादव लोजपा से मिल गया था। मैं उस समय भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने कहा जिस समूह में पप्पू यादव रहेंगे, वहां मैं नहीं रहूंगा। वहीँ पप्पू यादव को समर्थन देने की बात पर उन्होंने कहा कि जिनके चरित्र पर मुझे यकीन ना हो, उसके स्वास्थ्य का मैं अच्छी कामना कर सकता हूं। लेकिन पूर्णिया का नेतृत्व करने के लिए ऐसे व्यक्ति का मुझे आशीर्वाद मिलना कठिन होगा।
पूर्व सांसद ने चुनाव लड़ने से किया इंकार
पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि हमारा पूरा ध्यान आगामी विधानसभा चुनाव पर रहेगा। प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज अभियान को 2025 की विधान सभा चुनाव में कोसी और सीमांचल में मजबूत कर बिहार में एक मजबूत सरकार बनाएंगे। पूर्व सांसद पप्पू सिंह ने पूर्णिया स्थित अपने निज आवास पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते कहा कि हमारे देश में गिने चुने दो राष्ट्रीय दल हैं। एक कह रही है ऊपर भाग रही है तो दूसरे धीरे-धीरे नीचे गिर रही है। बिहार में दोनों राष्ट्रीय दल बैसाखी पर खड़ी है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के संबंध में सुनते हैं कि उनकी बहुत ही लोकप्रियता है, होगी भी, लेकिन बैसाखी के बिना कोई भी बिहार में नहीं है। कांग्रेस पार्टी बिहार में रहते हम बहुत मजबूत हैं लेकिन कोई भी बैसाखी के बिना खड़े नहीं है। बैसाखी के बल पर खड़े हो मुझे क्या आपत्ति होगी।
कांग्रेस के फैसले से हर कोई हैरान
पूर्व सांसद पप्पू सिंह ने कहा कि 2019 में कांग्रेस पार्टी बिहार में 9 सीटों पर लड़ी थीं। बगल में कटिहार क्षेत्र को छोड़ दें तो पूर्णिया में कांग्रेस को सबसे ज्यादा वोट मिले। लेकिन पार्टी ने अपने बेरुखी में ऐसे कदम उठाए, जिससे सब हैरान रह गए। एक मजबूत जगह को कांग्रेस ने अपने सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल को दे दिया। राष्ट्रीय जनता दल ने जिसे अपना समझा उसे टिकट दे दिया मुझे उससे कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन जब मैं क्षेत्र में जाता हूँ तो महा गठबंधन के जितने भी नेता हमसे मिलते हैं तो सब यही कहते हैं कि आरजेडी के बहुत बड़े परिवार में से यदि और किसी को टिकट मिलता तो ज्यादा खुशी होती। जहां एनडीए के चयन से लोगों में खुशी नहीं दूसरी ओर महागठबंधन की ओर से लोग संतुष्ट नहीं है। वहीं इसी मैदान में एक सज्जन (पप्पू यादव) दस्तक देने की बार बार बात कह रहें हैं। ऐसे में लोगों में घोर निराशा है। हमारे पास कोई विकल्प हैं ही नहीं।
बिगड़ गई कानून व्यवस्था
पूर्व सांसद पप्पू सिंह ने कहा कि मेरे कार्यकाल में सामाजिक तनाव खत्म हो गया था। जातीय लड़ाई खत्म हो गई थी। कानून व्यवस्था बेहतर हो गया था। लेकिन 2014 के बाद ईश्वर को जो मंजूर था वह हो गया। होते होते 2024 में जब मैं पूर्णिया आता हूं। फिर वहीं सुनने को मिलता है बाते बिगड़ गई है। क्यों बिगड़ी और कैसे बिगड़ी यह हम सबको मालूम है। विस्तार से कुछ कहने की जरूरत नहीं है। लेकिन इतने राजनीति लंबे जीवन में पिछले दो तीन चार महीने यह समय मेरे लिए सबसे कठिन रहा। रोज सैकड़ो लोगों का प्यार से मुझसे यह पूछना मैं लोक सभा चुनाव लडूंगा या नहीं लडूंगा। लडूंगा तो कैसे लडूंगा।