लंदन
दिग्गज अंपायर मराइस इरास्मस ने हाल ही में रिटायरमेंट का ऐलान किया था। काफी समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंपायर के तौर पर एक्टिव रहने वाले मराइस इरास्मस ने एक बड़ा खुलासा रिटायमेंट के बाद वर्ल्ड कप 2019 फाइनल को लेकर किया था। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल मैच लंदन के लॉर्ड्स में खेला गया था, जिसमें फील्ड अंपायर मराइस इरास्मस भी थे। उन्होंने खुलासा किया है कि उनकी गलती के कारण ही इंग्लैंड की टीम को जीत मिली थी।
टेलिग्राफ को दिए इंटरव्यू में मराइस इरास्मस ने बताया कि टेस्ट क्रिकेट में अंपायरिंग करना कठिन है, लेकिन व्हाइट बॉल क्रिकेट में अंपायरिंग करना आसान है, क्योंकि 4 घंटे में या वनडे में 7-8 घंटे में कोई गलती होती है तो आप उसे भूल जाते हैं, लेकिन टेस्ट में ऐसा नहीं है। आपको सुनना पड़ता है कि आपने पहले दिन कैसा निर्णय दिया था और अब तीसरे दिन कैसा निर्णय दे रहे हैं। मराइस इरास्मस ने वह किस्सा भी बताया, जब वर्ल्ड कप 2019 फाइनल में ओवर थ्रो के मिलाकर 6 रन दिए गए थे।
एक व्हाइट बॉल मैच जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकेगा, वह है 2019 का टाई विश्व कप फाइनल। जब इंग्लैंड को तीन गेंदों में नौ रनों की आवश्यकता थी, बेन स्टोक्स और आदिल राशिद दूसरे रन के लिए गए। स्टोक्स ने खुद को रन आउट से बचाने के लिए डाइव लगाई, लेकिन गेंद स्टंप्स से पहले उनके बैट में लगी और बाउंड्री के पार चली गई। फील्ड अंपायर कुमार धर्मसेना ने अपने साथी मराइस इरास्मस से बात की और इस बीच इंग्लैंड को 6 रन दे दिए गए, लेकिन बाद में पता चला कि ये 5 रन होने चाहिए थे, क्योंकि जब थ्रो हुआ तो बल्लेबाजों ने दूसरे रन के लिए क्रॉस नहीं किया था।
इरास्मस उस समय कुमार धर्मसेना के साथ मैदान पर थे और तीसरे अंपायर रॉड टकर के साथ इस बात पर सहमत हुए कि यह छह रन होने चाहिए। इरास्मस ने बताया, “वर्ल्ड कप 2019 फाइनल के बाद अगली सुबह मैंने नाश्ता करने के लिए अपने होटल के कमरे का दरवाजा खोला और कुमार (धर्मसेना) ने भी उसी समय अपना दरवाजा खोला और उन्होंने कहा, ‘क्या आपने देखा कि हमने एक बड़ी गलती की है?’ तभी मुझे इसके बारे में पता चला, लेकिन मैदान पर उस पल में, जैसा कि आप जानते हैं, हमने सिर्फ 6 कहा, एक-दूसरे से कहा, '6, 6, यह 6 है' यह महसूस किए बिना कि उन्होंने क्रॉस नहीं किया है, इसे उठाया नहीं गया। बस इतनी सी बात है।"
मराइस इरास्मस को वास्तव में दिन की शुरुआत में रॉस टेलर को गलत तरीके से lbw आउट देने का अधिक अफसोस है। उन्होंने बताया, “यह बहुत ऊपर था, लेकिन उन्होंने अपना रिव्यू खत्म कर दिए थे। पूरे सात हफ्तों में यह मेरी एकमात्र गलती थी और उसके बाद मैं बहुत निराश हुआ, क्योंकि अगर मैंने पूरे विश्व कप में कोई गलती नहीं की होती तो यह बिल्कुल अलग होता और इससे जाहिर तौर पर खेल पर थोड़ा असर पड़ा, क्योंकि वह उनके शीर्ष खिलाड़ी थे।"