भोपाल
कूनो नेशनल पार्क में मुखी चीता के एक वर्ष होने के बाद वन्य प्राणी शाखा प्रदेश के दूसरे चीता प्रोजेक्ट गांधी सागर अभयारण्य को धरातल पर उतारने की तैयारी तेज कर दी है। इसी सिलसिले में वाइल्ड लाइफ शाखा ने कान्हा नेशनल पार्क से 500 चीतलों को गांधी सागर अभ्यारण्य में शिफ्ट करने के लिए शासन से अनुमति मांगी है। जनवरी माह में गांधी सागर अभ्यारण्य में 500 हिरण शिफ्ट करने के लिए विभाग ने अनुमति मांगी थी। शासन से अनुमति मिलने के बाद पहली खेप में कुछ हिरण शिफ्ट भी किए गए थे।
कान्हा के अलावा अन्य वन्य वन विहारों से जानवरों को शिफ्ट किया जा रहा है। जिससे चीतों के लिए अभ्यारण्य में पर्याप्त भोजन मिल सकें। चीतों के लिए बन रहे गांधी सागर अभ्यारण्य बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है। यहां चीतों का दूसरा घर बसाने के लिए वन विभाग पहले से कहीं ज्यादा सक्रिय हो गया है। वाइल्ड लाइफ शाखा के पीसीसीएफ अतुल श्रीवास्तव अभी हाल में ही गांधी सागर अभ्यारण्य का निरीक्षण करने के लिए गए थे। वहां पर चल रही तैयारियों को उन्होंने काफी सराहना भी की थी। चीतों के लिए 64 किलोमीटर का बाड़ा बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है। 28 किलोमीटर का फेसिंग का काम भी पूरा हो चुका हैं। हिरण और चीतल की शिफ्टिग भी कार्रवाई अपने अंतिम दौर में चल रही हैं।
अभ्यारण्य में वन्य प्राणियों के उपचार के लिए अस्पताल भी बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है। राजस्थान राज्य से लगी सीमा पर अवैध रूप से प्रवेश करने वाले जानवरों को विशेषकर भेड़ों की आवाजाही को रोकने के लिए वन विभाग ने वर्ष 2023-24 के दरम्यान के 21 किलोमीटर लंबा ग्रेमफूल वॉल का निर्माण भी पूरा हो चुका है। वाइल्ड लाइफ शाखा की अधिकारियों की माने तो बरसात के बाद यहां कभी चीता को शिफ्ट करने की कार्रवाई हो सकती है। गांधी सागर अभ्यारण्य में चीतों की शिफ्टिंग को लेकर कोई तिथि भले ही तय नहीं हुई हो, लेकिन विभाग अपने स्तर पर सभी तरह की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है। विभाग से जुड़े जानकारों की माने तो अभ्यारण्य में पहली खेप में दक्षिण अफ्रीका से आधा दर्जन से ज्यादा चीता आने की संभावना जताई जा रही है।
गांधी सागर के बाद नौरादेही में होगी तैयारी
मध्यप्रदेश में कूनों के अलावा दो अन्य चीता प्रोजेक्ट शुरू होने वाले है। गांधी सागर दूसरे नंबर पर चीता का स्वागत करने के लिए तैयार है। गांधी सागर के बाद वन विभाग नौरादेही अभ्यारण्य को तीसरे चीता प्रोजेक्ट के रूप में तैयारी शुरू कर देगी।