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आरबीआई के पेशेवर प्रबंधन ने बाहरी अनिश्चितताओं से निपटने में मदद की: वित्त मंत्री सीतारमण

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आरबीआई के पेशेवर प्रबंधन ने बाहरी अनिश्चितताओं से निपटने में मदद की: वित्त मंत्री सीतारमण

गवर्नर दास ने बोले केंद्रीय बैंक का प्रयास अगले दशक में एक स्थिर और मजबूत वित्तीय प्रणाली प्रदान करना होगा

स्थिर, मजबूत वित्तीय प्रणाली आर्थिक प्रगति के लिए आधार के रूप में कार्य करेगी: आरबीआई गवर्नर

मुंबई,
 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने  कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के पेशेवर प्रबंधन ने बाहरी असंतुलन और अनिश्चितताओं से निपटने की भारत की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार किया है।

आरबीआई के 90वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने बैंकों की बैलेंस शीट की समस्याओं को सुधारने में केंद्रीय बैंक की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि एक दशक पहले भारत में ‘‘बैलेंस शीट की समस्या’’ थी, जबकि आज सरकार और आरबीआई के सहयोगात्मक प्रयास से इसमें सुधार है।

सीतारमण ने कहा कि परिसंपत्ति गुणवत्ता प्रबंधन, त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई ढांचा सभी बड़े कदम हैं, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अच्छी तरह से क्रियान्वित किया गया। सीतारमण ने कहा कि मौद्रिक सख्ती के दबाव के बावजूद मुद्रास्फीति प्रबंधन ने सरकारी बांड (जी-सेक) प्रतिफल स्थिर किया जो अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।

गवर्नर दास ने बोले केंद्रीय बैंक का प्रयास अगले दशक में एक स्थिर और मजबूत वित्तीय प्रणाली प्रदान करना होगा

स्थिर, मजबूत वित्तीय प्रणाली आर्थिक प्रगति के लिए आधार के रूप में कार्य करेगी: आरबीआई गवर्नर

मुंबई
 भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने  कहा कि केंद्रीय बैंक का प्रयास अगले दशक में एक स्थिर और मजबूत वित्तीय प्रणाली प्रदान करना होगा, जो देश की आर्थिक प्रगति के लिए आधार के तौर पर काम करेगी।

आरबीआई के 90वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आरबीआई हमारे नागरिकों के कल्याण के लिए स्थिरता, लचीलापन तथा प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में उभरा है।

उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि हम ‘आरबीआई एट 100’ की ओर बढ़ रहे हैं, रिज़र्व बैंक एक स्थिर तथा मजबूत वित्तीय प्रणाली पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जो हमारे देश की आर्थिक प्रगति के लिए आधार के तौर पर काम करेगी।’’

दास ने कहा कि रिज़र्व बैंक लगातार उभरते रुझानों का मूल्यांकन कर रहा है और बदलते समय के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए आवश्यक नीतिगत उपाय कर रहा है। केंद्रीय बैंक का प्रयास स्थितियों को भांपना और सक्रिय कदम उठाना है।

गवर्नर ने इस बात पर जोर दिया कि एक संस्था के रूप में रिजर्व बैंक का विकास भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हम एक पूर्ण-सेवा केंद्रीय बैंक हैं, जिसके कार्य कई आयामों में फैले हुए हैं। हमारा प्रयास एक ऐसे वित्तीय क्षेत्र को बढ़ावा देना है जो मजबूत, लचीला और भविष्य के लिए तैयार हो।’’

संरचनात्मक सुधारों के बारे में उन्होंने कहा कि दिवाला व दिवालियापन संहिता के अधिनियमन और हाल के वर्षों में मुद्रास्फीति लक्ष्य को अपनाने से बैंकिंग प्रणाली में चुनौतियों से निपटने तथा मूल्य स्थिरता को अधिक प्रभावी ढंग से बनाए रखने में मदद मिली है।