नई दिल्ली
कच्चाथीवू द्वीप मामले में कांग्रेस और उसकी सहयोगी डीएमके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों पर पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने पलटवार किया है और कहा है कि चीन भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है, लेकिन प्रधान मंत्री मोदी ने शी जिनपिंग के नेतृत्व वाले देश को क्लीन चिट दे दी है। तमिलनाडु के दिग्गज नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री अपनी सरकार की नाकामियों की जगह 50 साल पुराने मामले को क्यों उठा रहे हैं, जबकि वह दे देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संधि थी, जिससे 6 लाख तमिलों का भला हुआ था और उनकी घर वापसी हो सकी थी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने भी पीएम मोदी के आरोपों पर पलटवार किया है और कहा है कि लोकसभा चुनावों में कच्चाथीवू द्वीप के मुद्दे को उठाकर, पीएम मोदी "ध्यान भटकाने वाली" रणनीति अपना रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, ''प्रधानमंत्री उस मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं, जिसे 1974 में सुलझा लिया गया था? 1974 में, इंदिरा गांधी की सरकार ने लाखों तमिलों की मदद करने के लिए, श्रीलंका से बातचीत की थी। तब कच्चाथीवू द्वीप को श्रीलंका का माना गया था। इसके बदले में 6 लाख तमिलों की भारत वापसी हो सकी थी। यह मुद्दा 50 साल पहले सुलझा लिया गया था।"
दूसरी तरफ, 2020 में पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई झड़प और एलएसी पर उपजे गतिरोध का जिक्र करते हुए चिदंबरम ने दावा किया कि चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “2,000 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र पर चीनी सैनिकों ने कब्जा कर रखा है लेकिन पीएम का कहना है कि भारतीय क्षेत्र में कोई चीनी सैनिक मौजूद नहीं है और भारतीय क्षेत्र का कोई भी हिस्सा चीनी सैनिकों के कब्जे में नहीं है। पीएम ने चीन को क्लीन चिट दे दी है। 50 साल पहले क्या हुआ था, इसके बजाय उन्हें इस बारे में बात करनी चाहिए कि पिछले 3 साल में क्या हुआ? चीन का कब्ज़ा एक तरह का आक्रमण है। मैं प्रधानमंत्री जी से इस बारे में कुछ स्पष्टीकरण की उम्मीद करता हूं।"
उधर, एम के स्टालिन ने सवाल किया कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी जा का तमिल मछुआरों पर अचानक प्यार क्यों उमड़ रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "तमिलनाडु के लोग उनसे केवल तीन सवाल पूछना चाहते हैं, जो 10 वर्षों तक कुंभकरणी नींद में रहने के बाद, अचानक चुनाव के दौरान मछुआरों के लिए प्यार का इजाहर करने आ गए हैं। केंद्र सरकार तमिलनाडु द्वारा कर के रूप में भुगतान किए गए 1 रुपये में से केवल 29 पैसे ही क्यों लौटाती है?"
स्टालिन ने पूछा, ''राज्य को दो प्राकृतिक आपदाओं (दिसंबर 2023 में चेन्नई और थूथुकुडी में बाढ़) का सामना करने के बावजूद बाढ़ राहत के रूप में तमिलनाडु को एक पैसा भी क्यों नहीं दिया गया?" तमिलनाडु के सीएम ने आगे लिखा, " प्रधानमंत्री जी, बातों में उलझाने की बजाय, कृपया इन सवालों का जवाब दें।"
बता दें कि कच्चाथीवू रामेश्वरम और श्रीलंका के बीच करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा एक द्वीप है, जिसे 1974 में भारत-श्रीलंका के बीच हुए एक समझौते में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने श्रीलंका को सौंप दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर डीएमके और कांग्रेस दोनों को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया है कि इन दलों ने तमिल मछुआरों की सुरक्षा के लिए कुछ उपाय नहीं किये। पीएम ने दावा किया कि कच्चाथीवू द्वीप से भारतीय मछुआरों को नुकसान पहुंचा है।