मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला केंद्रीय बैंक ने किसान भाईयों से अपील है कि कृषक धान बिक्री के पूर्व अपने पंजीकृत बचत खाते में लेन-देन करके खाते को सक्रिय/ क्रियाशील करा लेवें ताकि उनके बैंक खाते में धान विक्रय की राशि का अंतरण सुगमतापूर्वक किया जा सके ।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन योजनान्तर्गत विपणन संघ के एजेन्ट के रूप में सहकारी समितियों द्वारा धान क्रय किया जा रहा है। समितियों द्वारा प्रतिदिन धान खरीदी का विवरण एवं भुगतान हेतु फाईल एन.आई.सी. को भेजा जाता है । कृषकों से क्रय किये गये धान की राशि का विवरण एन.आई.सी द्वारा बैंक को प्रेषित की जाती है। बैंक द्वारा किसानों के बचत खातों में धान खरीदी की राशि की जानकारी पी. एफ. एम.एस. नई दिल्ली को प्रेषित किया जाता है। पी. एफ. एम. एस. द्वारा डाटा सत्यापन पश्चात किसानों को राशि भुगतान हेतु टी. सी. एस. को प्रेषित किया जाता है, तथा टी. सी. एस. द्वारा किसानो को भुगतान हेतु उनके खाते में राशि जमा की जाती है।
इतनी प्रक्रिया होने के पश्चात कुछ किसानों के खाते निष्क्रिय या अक्रियाशील होने के कारण धान खरीदी राशि उनके खाते में ऑनलाईन के माध्यम से जमा नही हो पाती है। जिसके कारण बैंक द्वारा भुगतान हेतु उस किसान का प्रेषित फाईल असफल हो जाता है, जिसे पुनः भुगतान कराने हेतु फिर से एन.आई.सी. से फाईल मंगाना पड़ता है, जिसके पश्चात सुधार कराने के उपरांत पुनः भुगतान हेतु फाईल प्रेषित करने की प्रक्रिया के संपादन में समय एवं परिश्रम लगता है तथा कृषकों को भी राशि भुगतान में काफी विलंब होता है ।