वॉशिंगटन
राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि भारत में जी20 हो या किसी अन्य देश में हुई बैठक जब भी दुनिया भर के नेता जुटते हैं तो वो यही कहते हैं कि आप ट्रंप को जीतने नहीं देंगे। अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। इस पद के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक दूसरे को कड़ी टक्कर देते दिखाई दे रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। अब बाइडन ने दावा किया है कि भारत में हुए जी20 समेत कई बैठकों में दुनियाभर के नेताओं ने उनका समर्थन किया है। साथ ही उनसे यह भी कहा कि वह आगामी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को नहीं जीतने दे सकते हैं।
विश्व नेताओं का कहना- उनका लोकतंत्र दांव पर
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राष्ट्रपति बाइडन ने न्यूयॉर्क में अपने चुनाव प्रचार के दौरान एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि विश्व के नेता हमेशा कहते हैं कि उनका लोकतंत्र दांव पर है। उन्होंने कहा, 'भारत में जी20 बैठक हो या किसी अन्य देश में हुई बैठक, जब भी दुनिया भर के नेता जुटते हैं तो वो यही कहते हैं कि आप उन्हें (ट्रंप) जीतने नहीं देंगे।'
मैं बढ़ा- चढ़ाकर नहीं बता रहा
उन्होंने कहा, 'आपको लग रहा होगा कि मैं बढ़ा- चढ़ाकर बता रहा हूं, पर ऐसा नहीं है। मैं बिना नाम लिए पत्रकारों को बता सकता हूं कि करीब सभी देशों के नेता मुझसे यह बात कह चुके हैं। दुनिया भर से आए नेता मुझसे हाथ मिलाते हुए कहते हैं कि देश का लोकतंत्र दांव पर है।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं यही कहूंगा कि यह एक अतिशयोक्ति नहीं है। इसके बारे में सोचिए। यह एक ऐसा शख्स है, जो नाटो से दूर हो गया है।'
अमेरिका के साथ क्या हो रहा है
राष्ट्रपति बाइडन ने ट्रंप के उस अपने बयान पर भी प्रकाश डाला, जिसमें कहा गया है कि वह रूस को उन देशों के साथ जो कुछ भी करना चाहता है उसे करने के लिए प्रोत्साहित करेगा जो रक्षा पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का दो प्रतिशत खर्च नहीं करते हैं। बाइडन ने कहा, 'बस आप देखो कि उन्होंने क्या किया है। बाकी दुनिया सोच रही है कि अमेरिका के साथ क्या हो रहा है। हालांकि वह राहत महसूस कर रहे हैं, इसलिए नहीं कि मैं बहुत खास हूं, बल्कि इसलिए कि मैं ट्रंप नहीं हूं। मैं गंभीर हूं। काश ऐसा इसलिए ही होता क्योंकि उन्हें लगता कि बाइडन इतने गंभीर व्यक्ति हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि वे मेरा सम्मान करते हैं। मुझे लगता है कि वे मेरी बात सुनते हैं। लेकिन मुद्दा यह है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर वह (ट्रंप) फिर से जीतते हैं तो वे अपने देशों के लिए मौत से डरते हैं।'
ट्रंप ने यह कहा था
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान नाटो सदस्य देशों पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने दो टूक लहजे में कहा था कि अमेरिका नाटो के उन सहयोगियों का बचाव नहीं करेगा, जो रक्षा पर पर्याप्त खर्च नहीं करते हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि वे रूस को उन देशों पर हमला करने के लिए प्रोत्साहित भी करेंगे। ऐसे में नाटो सदस्य देशों में खलबली मच गई है। वर्तमान में नाटो के 31 सदस्य देश हैं। जल्द ही स्वीडन भी नाटो का 32वां सदस्य बन जाएगा। अब तक नाटो में शामिल होने को रक्षा की गारंटी के रूप में देखा जाता रहा है।