बीजिंग
चीन और भारत के बीच अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे को लेकर जुबानी जंग चल रही है। भारत के इस राज्य पर चीन अपना दावा करता है। उसने इसे चीनी नाम जांगनान दिया है। हाल ही में अमेरिका ने माना था कि अरुणाचल भारत का हिस्सा है। अब इसे लेकर चीन बौखला गया है। चीन ने गुरुवार को एक बायन में कहा कि 'जांगनान' प्राचीन काल से चीन का हिस्सा रहा है। इसके अलावा उन्होंने पूछा कि अरुणाचल कब अस्तित्व में आया? हालांकि सोशल मीडिया पर लोगों ने चीन के इस दावे का मजाक बनाया। कई लोगों ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि प्राचीन काल के तर्क से भारत की सीमा अफगानिस्तान से लेकर पूरे दक्षिण एशिया में फैल जाएगी।
चीन की सेना ने बृहस्पतिवार को अमेरिका की आलोचना की क्योंकि उसने जोर दिया था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है। इसके साथ ही चीनी सेना ने कहा कि बातचीत एवं परामर्श के जरिए सीमा मुद्दे से ठीक से निपटने के लिए भारत और चीन के पास परिपक्व तंत्र, संवाद माध्यम, क्षमता और इच्छा है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि अपने लाभ के लिए दो देशों के बीच विवाद भड़काने का अमेरिका का इतिहास रहा है।
क्या बोला था अमेरिका
वू अमेरिका के उस हालिया बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि वाशिंगटन अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है। वू कियान ने कहा कि सीमा मुद्दों पर चीन और भारत के बीच परिपक्व तंत्र और संवाद चैनल हैं। उन्होंने कहा, 'दोनों पक्षों के पास बातचीत और परामर्श के जरिए सीमा मुद्दे को ठीक से संभालने की क्षमता और इच्छा है।' अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने नौ मार्च को कहा था, ‘अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है और हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य या असैन्य घुसपैठ या अतिक्रमण के माध्यम से क्षेत्रीय दावे करने के किसी भी एकपक्षीय प्रयास का कड़ा विरोध करते हैं।’
भारत ने दिया करारा जवाब
वू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है। भारत ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के क्षेत्रीय दावों को बार-बार खारिज किया है और कहा है कि यह राज्य देश का अभिन्न अंग है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के मामले में हमारी स्थिति बार-बार बहुत स्पष्ट की गई है। हमने हाल ही में बयान जारी कर कहा था कि चीन चाहे जितनी बार अपने निराधार दावों को दोहरा सकता है। लेकिन इससे हमारी स्थिति नहीं बदलने वाली है। अरुणाचल भारत का अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।