राजगढ़
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा सीट से 33 वर्ष बाद चुनाव लड़ रहे हैं। वे चुनाव प्रचार के लिए गांव-गांव नापेंगे। इसकी शुरुआत वे 31 मार्च को सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले नलखेड़ा स्थित माता बगुलामुखी के दर्शन कर पदयात्रा से करेंगे।
क्षेत्र में चाचौड़ा, राघोगढ़, नरसिंहगढ़, ब्यावरा, राजगढ़, खिलचीपुर, सुसनेर और सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र आते हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक दिन पदयात्रा होगी और रात्रि विश्राम भी उसी क्षेत्र में करेंगे। एक-एक करके आठों विधानसभा क्षेत्रों में पदयात्रा होगी, जो चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले समाप्त कर ली जाएगी। राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र का चुनाव तीसरे चरण में होगा।
इसके लिए नामांकन पत्र 12 अप्रैल से स्वीकार किए जाएंगे। दिग्विजय सिंह का मुकाबला राजगढ़ से दो बार के सांसद भाजपा के रोडमल नागर से है। दिग्विजय सिंह ने इसके पहले राजगढ़ लोकसभा से तीन चुनाव 1984, 1989 और 1991 में लड़े हैं। 1989 का चुनाव वे भाजपा के प्यारेलाल खंडेलवार से पराजित हो गए थे। 1993 में मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था और उपचुनाव में उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह को पार्टी ने चुनाव लड़ाया था।
1991 के बाद अब वे राजगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है और सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों के पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुके हैं। अब आमजन से संपर्क के लिए गांव-गांव पहुंचने का कार्यक्रम बनाया है। इसमें वे प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक दिन पदयात्रा करेंगे, जो लगभग 25 से 30 किलोमीटर की रहेगी।
इसकी शुरुआत सुसनेर विधानसभा से 31 मार्च को नलखेड़ा में माता बगुलामुखी के दर्शन के साथ होगी। मार्ग का निर्धारण विधानसभा क्षेत्र के पार्टी पदाधिकारियों द्वारा किया जाएगा। प्रयास यही रहेगा कि अधिक से अधिक गांव में संपर्क हो जाए। इस दौरान नुक्कड़ सभाएं भी होंगी। दो अप्रैल को यात्रा राजगढ़ में प्रस्तावित की गई है। इसकी तरह अन्य विधानसभा क्षेत्रों की अलग-अलग तिथि निर्धारित की जा रही हैं। रात्रि विश्राम किसी गांव में होगा, जहां चौपाल लगाई जाएगी।