विदिशा
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का गढ़ है विदिशा संसदीय क्षेत्र। यहां लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा के बीच मुकाबला होने वाला है। दोनों 33 साल बाद एक दूसरे के सामने हैं।
विदिशा संसदीय क्षेत्र मध्य प्रदेश के उन प्रमुख क्षेत्र में से है, जहां से कई दिग्गज निर्वाचित हुए हैं। इस क्षेत्र का पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, रामनाथ गोयनका और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी प्रतिनिधित्व किया है।
यहां अब तक 15 चुनाव हुए हैं, जिनमें कांग्रेस सिर्फ दो बार जीती है और दोनों ही बार यहां प्रताप भानु शर्मा निर्वाचित हुए हैं। एक बार फिर कांग्रेस ने शर्मा को उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस में शर्मा की गिनती माधवराव सिंधिया के करीबियों में रही है।
विदिशा से भाजपा ने वर्तमान सांसद रमाकांत भार्गव का टिकट काटते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मैदान में उतारा है। चौहान पांच बार यहां से निर्वाचित हो चुके हैं और यह उनका छठा चुनाव है।
चौहान ने लोकसभा का पहला चुनाव 1991 में तब लड़ा था जब अटल बिहारी वाजपेई ने विदिशा के साथ लखनऊ से निर्वाचित होने के चलते विदिशा सीट छोड़ी थी। उस चुनाव में चौहान ने कांग्रेस के उम्मीदवार प्रताप भानु शर्मा को शिकस्त दी थी।
विदिशा में 33 साल बाद चौहान और शर्मा एक बार फिर आमने-सामने हैं। वर्तमान में शिवराज इसी संसदीय सीट की बुधनी विधानसभा से विधायक हैं। यह संसदीय क्षेत्र रायसेन, विदिशा, सीहोर और देवास जिलों में फैला हुआ है। इन सभी विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा का कब्जा है।
कौन हैं प्रताप भानु शर्मा?
प्रताप भानु शर्मा का जन्म 1947 में हुआ था. वे मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के रहने वाले हैं. प्रताप भानु शर्मा 7वीं और 8वीं लोकसभा में विदिशा सीट से सांसद रह चुके हैं. मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले प्रताप भानु शर्मा एक बड़े उद्योगपति भी रहे हैं. जब वे सांसद थे, तब उन्होंने स्वरोजगार योजनाओं को चलाया और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भी काम किया.
इसके अलावा 1975-76 के बीच वे कांग्रेस की तरफ से जिला लघु उद्योग संगठन और और जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 1980 और 1984 में उन्होंने विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. अब एक बार फिर वे लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इस बार उनका मुकाबला विदिशा से पांच बार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से होगा.
ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने यादवेंद्र सिंह यादव लड़ेंगे चुनाव
वहीं गुना सीट की अगर बात करें तो यहां से बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह यादव को टिकट दिया है. इससे पहले साल 2023 में मुंगावली से यादवेंद्र सिंह यादव को विधानसभा चुनाव लड़वाया गया था, लेकिन वे हार गए थे. माना जा रहा है कि गुना में यादव वोटों की संख्या को देखते हुए यादवेंद्र सिंह यादव को टिकट दिया गया है.