युवाओं पर अत्यधिक प्रभाव डालने वाले ग्रह बुध 26 मार्च की मध्य रात्रि पश्चात 03 बजकर 05 मिनट पर मीन राशि की यात्रा समाप्त करके मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इस राशि पर गोचर करते हुए ये 02 अप्रैल की रात्रि 03 बजकर 45 मिनट पर वक्री होंगे और 09 अप्रैल की रात्रि 09:30 पर पुनः मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इस प्रकार वक्री-मार्गी अवस्था में गोचर करते हुए बुध 25 अप्रैल की शाम 06 बजकर 24 मिनट पर मार्गी होंगे और 10 मई की शाम 06 बजकर 43 मिनट पर पुनः मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इनके राशि परिवर्तन अन्य राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा? इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं।
मेष राशि
आपकी राशि में गोचर करते हुए बुध कई तरह के अप्रत्याशित किन्तु सुखद परिणाम दिलाएंगे। सामाजिक पद प्रतिष्ठा तो बढ़ेगी ही लिए गए निर्णय और किए गए कार्यों की सराहना भी होगी। शीर्ष अधिकारियों से संबंध मजबूत बनेंगे। विद्यार्थियों और प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों के लिए भी समय बेहतरीन रहेगा। केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों के प्रतीक्षित कार्य संपन्न होंगे। गुप्त शत्रुओं से बचें। विवादित मामले कोर्ट-कचहरी से बाहर ही सुलझाएं।
वृषभ राशि
राशि से बारहवें व्यय भाव में गोचर करते हुए बुध अत्यधिक भागदौड़ और खर्च का सामना करवाएंगे। मकान अथवा वाहन का क्रय कर सकते हैं। जमीन जायदाद से जुड़े अन्य मामले भी सुलझेंगे। इस अवधि के मध्य किसी को भी अधिक धन उधार के रूप में न दें अन्यथा आर्थिक हानि का सामना करना ही पड़ेगा। विद्यार्थी वर्ग विदेश में पढ़ाई करने के लिए जाने का प्रयास कर रहे हों तो उस दृष्टि से भी ग्रह स्थितियां अनुकूल रहेंगी। प्रेम संबंधी मामलों में उदासीनता रहेगी।
मिथुन राशि
राशि से एकादश लाभ भाव में गोचर करते हुए बुध का प्रभाव आय के संसाधनों में वृद्धि तो करेगा ही काफी दिनों का दिया गया धन भी वापस मिलने की उम्मीद है। संतान के दायित्व की पूर्ति होगी। नव दंपत्ति के लिए संतान प्राप्ति और प्रादुर्भाव के भी योग हैं। कार्यक्षेत्र में उच्चाधिकारियों से संबंध मजबूत बनेंगे। किसी भी तरह का बड़े से बड़ा कार्य आरंभ करना हो अथवा किसी नए अनुबंध पर हस्ताक्षर करना हो तो उस दृष्टि से भी ग्रह-गोचर अनुकूल रहेगा।
कर्क राशि
राशि से दशम कर्म भाव में गोचर करते हुए बुध का प्रभाव कार्यक्षेत्र का विस्तार तो करेगा ही चुनाव संबंधी कोई निर्णय लेना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से भी परिणाम बेहतर रहेगा। माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतनशील रहें। कोई भी कार्य जब तक पूर्ण न कर लें उसे सार्वजनिक न करें। परिवार में मांगलिक कार्यों का सुअवसर आएगा। सामाजिक भूमिका से भी सम्मान की प्राप्ति होगी। इस अवधि के मध्य लिए गए निर्णय और किए गए कार्य सराहनीय रहेंगे।