इस्लामाबाद
पाकिस्तान और ईरान के बीच गैस पाइपलाइन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। अमेरिका के टॉप राजनयिक ने इस पाइपलाइन को लेकर बयान दिया है, जिससे ईरान भड़का हुआ है। पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान में ईरान के राजदूत डॉक्टर रजा अमीरी मुकद्दम ने कहा है कि "पाक-ईरान गैस पाइपलाइन परियोजना के भुगतान में अमेरिका बाधा डाल सकता है।" हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश इस अड़चन को दूर कर सकते हैं।
इस पाइपलाइन से पाकिस्तान को सस्ती गैस मिलने के उम्मीद है लेकिन अब इस पर अमेरिका की नजर है, जिससे इसके प्रोजेक्ट के धरातल पर उतरने के आसार कम नजर आ रहे हैं। अमेरिका के टॉप राजनयिक के बयान के बाद ऐसा लगता है कि व्हाइट हाउस इस प्रोजेक्ट के जरिए ईरान को मिलने वाले फंड पर रोक लगाने की सोच रहा है। अमेरिका के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने शुक्रवार को गैस पाइपलाइन परियोजना के फिर से शुरू होने को लेकर चिंता जाहिर की थी।
अमेरिका ने फंडिंग को लेकर उठाए सवाल
लू ने कहा था कि "ईमानदारी से कहूं तो,मुझे नहीं पता कि ऐसी परियोजना के लिए फंड कहां से आएगा। मुझे नहीं लगता कि कई अंतरराष्ट्रीय दानदाता इस तरह के प्रयास को फंड करने में रुचि लेंगे।" उन्होंने आगे कहा कि "हमने पाकिस्तान सरकार से अमेरिकी प्रतिबंधों में छूट की कोई इच्छा नहीं सुनी है जो निश्चित रूप से ऐसी किसी परियोजना के परिणामस्वरूप होगी।" अमेरिका ने ईरान के साथ व्यापार को लेकर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं। अब कंगाल पाकिस्तान का ज्यादातर खर्च अमेरिकी और आईएमएफ जैसी संस्थाओं की मदद से ही चलता है। ऐसे में उसके लिए अमेरिकी प्रतिबंधों को दरकिनार कर ईरान से डील को बढ़ाना देश को मुश्किल में डालने वाला होगा।
पाकिस्तान के साथ डील करके फंस गया है ईरान!
पाकिस्तान के साथ डील करके ईरान फंस गया है। उसने अपने क्षेत्र में 1 अरब डॉलर का निवेश करके पाइपलान बना ली है लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक इस पर काम नहीं किया है। ऐसा में ईरान का निवेश डूबता नजर आ रहा है। मुकद्दम ने कहा कि "2009 में हुए इस समझौते में और विस्तार की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि ईरान ने पहले ही 1 अरब डॉलर की लागत से अपनी तरफ 1000 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन पूरी कर ली है।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान ने अभी तक इस समझौते को लागू नहीं किया है। ईरानी राजदूत कहा कि इस समस्या को हल करने के लिए एक कार्ययोजना विकसित की जा सकती है।
मुकद्दम ने कहा, ईरान ने अपना काम वर्षों पहले पूरा कर लिया था। हालांकि, वह एक दशक से पाकिस्तान द्वारा समझौते को लागू करने का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा, ईरानी गैस पाइपलाइन दोनों देशों के लोगों के व्यापक हित में है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से पाकिस्तान अपने लोगों को सस्ती गैस उपलब्ध कराने में सक्षम होगा। उन्होंने उम्मीद जताते हुआ कहा कि "हम गैस पाइपलाइन परियोजना के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकते हैं।