वॉशिंगटन
अमेरिका की इकॉनमी में किसी समय कॉटन इंडस्ट्री का बड़ा बोलबाला था। देश के दक्षिणी राज्यों की प्लांटेशन इकॉनमी में इसकी काफी अहमियत थी। लेकिन आज यह इंडस्ट्री बुरी स्थिति में है। अमेरिका में इस फसल की मांग लगातार तेजी से घट रही है। साल 1893 में शिकागो एक्सपो के समय देश में लगभग 900 अमेरिकी कपास मिलें चल रही थीं।
1900 के दशक में तो यह संख्या और भी बढ़ गई थी लेकिन नेशनल कॉटन काउंसिल की मानें तो आज देश में कॉटन मिल्स की संख्या करीब 100 रह गई है। देश में कपड़ा बनाने का काम लगभग बंद हो चुका है। ऐसे में कैलिफोर्निया से कैरोलिना तक लाखों एकड़ में बुवाई करने वाले कपास किसानों को अपनी अगली फसल के लिए देश में खरीदार मिलने की संभावना पहले से कहीं कम है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अमेरिका की कपड़ा मिलों में 139 वर्षों में सबसे कम कॉटन प्रोसेस होने की उम्मीद है। अमेरिकी किसान विदेशी खरीदारों के लिए कॉटन उगा रहे हैं लेकिन इसमें भी कई चुनौतियां हैं। अमेरिका से कॉटन का निर्यात लगातार तीसरे साल गिरावट की राह पर है। इससे ब्राजील टॉप पर पहुंचने के करीब पहुंच गया है। विदेशों में सस्ते उत्पादन से मिल रही प्रतिस्पर्धा और सिंथेटिक मटीरियल के बढ़ते इस्तेमाल से अमेरिका में कॉटन इंडस्ट्री की यह दुर्गति हुई है। 2016 में संसद ने 1930 टैरिफ अधिनियम में संशोधन किया था। इसमें आयातकों को 800 डॉलर से कम मूल्य के ग्राहकों के ऑर्डर को ड्यूटी-फ्री कर दिया गया।
सबसे बड़ा एक्सपोर्टर
इसके साथ ही कोरोना-काल में ई-कॉमर्स में उछाल से Shein जैसी विदेशी फास्ट-फैशन कंपनियों ने अमेरिका में गहरी पैठ बना ली। साल 2022-23 अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा कॉटन एक्सपोर्टर रहा। इस दौरान अमेरिका ने 28 लाख मीट्रिक टन कॉटन का एक्सपोर्ट किया। ब्राजील 14 लाख मीट्रिक टन के साथ दूसरे नबर पर रहा। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, भारत, बेनिन, तुर्की, बुर्किना फासो, माली और कैमरून का नंबर रहा।