नई दिल्ली
कांग्रेस ने सरकार पर किसानों और बासमती चावल के निर्यातकों के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि पाकिस्तान में बासमती चावल अवैध रूप से उगाया जा रहा है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से बासमती चावल किसानों पर निर्यात शुल्क और निर्यात प्रतिबंध लगाया गया है।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' में एक पोस्ट में कहा कि इससे चावल निर्यात में भारी गिरावट आई है और किसानों की आय में कमी आई है।
रमेश ने आरोप लगाया, "पिछले दस सालों से मोदी सरकार चुपचाप सो रही है या हमारे किसानों के लिए तबाही मचा रही है।"
उन्होंने कहा, "अब, संरक्षित भारतीय बासमती चावल की किस्मों को पाकिस्तान में अवैध रूप से उगाया जा रहा है और वैश्विक बाजार में बेचा जा रहा है। दुर्भाग्य से, मोदी सरकार हमारे किसानों, उत्पादकों और निर्यातकों के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं कर रही है।"
कांग्रेस नेता ने दावा किया, "अधिक उपज देने वाले बीजों और उर्वरकों पर अच्छा पैसा खर्च करने वाले भारतीय किसानों को हर तरफ नुकसान हो रहा है। वे अपना चावल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं बेच सकते। फिर, उनका बाजार हिस्सा अवैध विदेशी बासमती उत्पादकों द्वारा ले लिया जाता है।"
रमेश ने आरोप लगाया कि सितंबर, 2023 के अंत से कृषि मंत्रालय 'ऑटोपायलट' (स्वचालित ढंग से) तरीके से चल रहा है, जब तत्कालीन कृषि मंत्री को मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था।
उन्होंने कहा, "यह देश पर इसके दुष्परिणामों का ताजा उदाहरण है।"
कांग्रेस नेता ने एक पोस्ट में कहा, "कांग्रेस पार्टी की क्रांतिकारी #किसानन्याय गारंटी एक स्थिर आयात-निर्यात नीति का वादा करती है जिससे किसानों को लाभ होता है। जून, 2024 के बाद भारत के बासमती किसान इस विश्वास के साथ अपना चावल उगाने और बेचने में सक्षम होंगे कि सरकार उनके लिए काम कर रही है।"
कांग्रेस नेता उन खबरों का हवाला दे रहे थे जिनमें दावा किया गया था कि भारत की 'संरक्षित' बासमती किस्मों का नाम बदलकर पाकिस्तान में खेती की जा रही है और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) ने 'अवैध' खेती पर चिंता जताई है।