सर्वाइकल कैंसर दुनिया भर में महिलाओं को होने वाला चौथा सबसे कॉमन कैंसर है और यह महिला के गर्भाशय के सबसे निचले हिस्से, जिसे सर्विक्स कहा जाता है, उसे प्रभावित करता है. ग्लोबल लेवल पर कुल मामलों में से तकरीबन 58.2% मामले एशिया में हैं. भारत में कार्सिनोमा सर्विक्स (Carcinoma Cervix) महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है और वैश्विक सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों में से लगभग एक-तिहाई भारत में होती हैं.
कार्सिनोमा सर्विक्स के लक्षण
डॉ. सनी जैन ने बताया कि कार्सिनोमा सर्विक्स अहम लक्षण हैं जिन्हें वक्त पर पहचान कर तुरंत जांच कराना चाहिए ताकि बीमारी बढ़ने से पहले ही इलाज शुरू किया जा सके..
1. यौन संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग (Post Coital Bleeding)
2. मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग (Post-Menopausal Bleeding)
3. मेनोरेजिया (Menorrhagia)
4. चिपचिपी, मछली जैसी गंध वाला वेजाइनल डिस्चार्ज (Sticky and fishy odour vaginal discharge)
5. पेल्विस में दर्द (Pelvic pain)
6. डिस्पेर्यूनिया (Dyspareunia)
इंलाज संभव है
अगर बीमारी जल्दी पता लग जाए तो कार्सिनोमा सर्विक्स का इलाज मुमकिन है. भारत सरकार द्वारा कई स्क्रीनिंग कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जहां पैप स्मीयर (PAP Smear) जैसा एक सिंपल टेस्ट अर्ली स्टेज में ही प्री-कैंसर के जख्मों का पता लगाने में मदद करता है.
बजट में हुई वैक्सीन की बात
साल 2024 अंतरिम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9 से 14 साल की उम्र की लड़कियों के लिए टीकाकरण को प्रोत्साहित करेगी. सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन महिलाओं को एचपीवी वायरस से प्रेरित कार्सिनोमा सर्विक्स से बचाता है और उनकी रक्षा करता है.
ये पहल से घटनाओं में कमी ला सकती है क्योंकि अनुमान है कि सामान्य आबादी में लगभग 6.6% महिलाओं में सर्विकल एचपीवी इंफेक्शन होता है. भारत में लगभग 76.7% सर्वाइकल कैंसर के लिए एचपीवी सीरोटाइप 16 और 18 जिम्मेदार हैं. यौन व्यवहार जैसे पुअर जेनाइटल हाइजीन, कम उम्र में शादी, कई यौन साथी और बार-बार गर्भधारण इसके लिए जिम्मेदार फैक्टर्स हैं.