बीजिंग
चीन हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए बेताब है। इसके लिए चीनी जासूसी जहाज हिंद महासागर का चप्पा-चप्पा छान रहे हैं। हाल में ही पता चला है कि इस समय चीन के चार जासूसी जहाज हिंद महासागर में ऑपरेट कर रहे हैं। ये जहाज मलक्का जलडमरूमध्य से आगे के इलाके में समुद्र के सतह का 3डी मानचित्र, पानी की लवणता, घनत्व और दुश्मनों के सेंसर्स की उपस्थिति का पता लगा रहे हैं। इस जासूसी जहाजों के जरिए इकट्ठा किए गए डेटा का इस्तेमाल चीनी नौसेना करने वाली है। अभी तक चीनी नौसेना इस इलाके से अनजान है। ऐसे में उसे हिंद महासागर में अपनी गतिविधियों को लेकर काफी सतर्कता बरतनी पड़ती है।
हिंद महासागर में चीन के चार जासूसी जहाज
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एक्स (ट्विटर) हैंडल @detresfa_ ने एक मैप शेयर किया है। इस मैप में दिखाया गया है कि इस वक्त चीन के चार जासूसी जहाज हिंद महासागर में मौजूद हैं। इनमें से एक चीन का सबसे शक्तिशाली जासूसी जहाज युआन वांग 03 है। युआन वांग 03 चीन का सैटेलाइट और मिसाइल ट्रैकिंग जहाज है। यह दुश्मनों की मिसाइलों से जुड़े डेटा को आसानी से जान सकता है। इसके अलावा यह जहाज अंतरिक्ष में मौजूद सैटेलाइटों की जासूसी भी कर सकता है। इस जहाज में पानी के नीचे दुश्मन की पनडुब्बियों का सिग्नेचर चुराने की भी क्षमता है। इसके अलावा जो 3 जासूसी जहाज गश्त लगा रहे हैं, उनके नाम जियांग यांग होंग 01, जियांग यांग होंग 03 और डा यांग हाओ है।
चीनी जासूसी जहाज क्या कर रहे हैं
समुद्री सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, चीनी जासूसी जहाज हिंद महासागर में भविष्य में चीनी नौसेना के पनडुब्बी संचालन के लिए हाइड्रोग्राफी और हाइड्रोलॉजिकल सर्वेक्षण कर रहे हैं। इसके साथ ही ये जहाज भारत की जल सीमा के नजदीक के समुद्र की स्कैनिंग कर रहे हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर चीनी पनडुब्बियों को तैनात किया जा सके। इनमें से कुछ जहाज हवा के जरिए भी जासूसी करने में सक्षम हैं। ये जहाज दुश्मन की हवाई सीमा के अंदर की गतिविधियों के ट्रैक कर रहे हैं। इसके अलावा ये जहाज दुश्मन के जासूसी उपग्रहों की मौजूदगी और उस इलाके से गुजरने में लगने वाले समय की भी गणना कर रहे हैं।
अमेरिका ने भी माना, चीन के ये जहाज कर रहे जासूसी
अमेरिका के कई थिंक टैंक का मानना है कि चीन जिन जहाजों को रिसर्च शिप बता रहा है, वे दरअसल जासूसी जहाज हैं। ये समुद्र के अंदर के डेटा को जुटा रहे हैं। थिंक टैंक का कहना है कि ये जहाज सैन्य उद्देश्य से, खासकर पनडुब्बियों से संबंधित डेटा को जुटा रहे हैं। वहीं, चीन इन आरोपों को खारिज करता रहा है। चीन का कहना है कि जहाज समुद्र से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के कानून के तहत ही काम कर रहे हैं।