जयपुर
राजस्थान में भीलवाड़ा, राजसमंद, ब्यावर, टोंक, जालोर और नागौर में कुल 22 बड़े बजरी के ब्लॉक की नीलामी पर हाईकोर्ट ने गुरुवार को रोक हटा दी। 4 मार्च को हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद बजरी नीलामी पर रोक लगा दी थी। यह नीलामी 12 से 14 मार्च के बीच होनी थी। अब खान विभाग नए सिरे से नीलामी की तारीख जारी कर सकता है। हालांकि इसके लिए पहले निर्वाचन आयोग से अनुमति लेनी पड़ेगी। वहीं, जयपुर में बजरी सप्लाई प्रभावित होने से कीमतें बढ़ रही हैं।
राजस्थान (Rajasthan) में लाइम स्टोन (Lime Stone), गोल्ड माइंस (Gold Mines) समेत अन्य खनिज माइंस की नीलामी पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार के निर्देश पर खनिज विभाग ने लोकसभा चुनाव होने तक ये रोक लगाई गई है। विभाग ने रोक के आदेशों में लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) की आचार संहिता (aachaar sanhita) का हवाला दिया है। इन ब्लॉक की नीलामी मार्च-अप्रैल में होनी थी।
दरअसल, खनिज विभाग ने 14 मार्च को 53 लाइम स्टोन ब्लॉक, 6 मार्च को बांसवाड़ा में गोल्ड ब्लॉक, 3 एक्सप्लोरेशन लाइसेंस, कम्पोजिट लाइसेंस समेत अन्य खनिज माइंस के लिए अलग-अलग दिनों में निविदा निकाली थी। इन ब्लॉक में सबसे अहम नीलामी बांसवाड़ा स्थित गोल्ड माइंस की थी। गोल्ड माइंस के दो ब्लॉक की नीलामी मई में होनी थी। पिछले साल राज्य सरकार को यहां रिसर्च में गोल्ड मिलने की संभावना दिखी थी। इसके बाद सरकार ने इसकी नीलामी करने का फैसला किया है। इन ब्लॉक में गोल्ड के अलावा अन्य मिनरल भी शामिल है। हालांकि विभाग ने बजरी खनन के लिए निकाली बोली पर फिलहाल रोक नहीं लगाई है। राजसमंद, भीलवाड़ा, सिरोही, नागौर, टोंक के एरिया में सरकार ने 10 से ज्यादा लाइसेंस के लिए नीलामी निकाल रखी है।
हर ब्लॉक की नीलामी पर लगाई थी कैविएट
नीलामी की निविदा जारी करने के बाद सरकार ने हर ब्लॉक पर कोर्ट के आदेशों से कोई रोक नहीं लगे, इसके लिए कैविएट लगाई थी। सरकार को डर था कि किसी भी नीलामी में किसी तरह का विवाद होने से वह अटक नहीं जाए, इसके लिए सरकार अपना पक्ष रख सके।