इंदौर
शहर के जूनी थाना क्षेत्र में करीब एक साल पहले रामनवमी को मंदिर में स्थित बावड़ी ढह जाने के कारण 36 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए थे. आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए इंदौर हाईकोर्ट में याचिकाएं लगाई गईं. पिछले दिनों कोर्ट ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश पुलिस को दिए. इसके बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
इंदौर हाईकोर्ट के आदेश पर हुई गिरफ्तारी
बावड़ी हादसे में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए इंदौर की सामाजिक संस्थाओं ने हाईकोर्ट में याचिकाएं लगाई हैं. सुनवाई के दौरान विभिन्न तर्क सुनने के बाद हाईकोर्ट ने लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किए. इसके बाद पुलिस ने मंदिर प्रबंधक के दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. मंदिर प्रबंधन से जुड़े सेवाराम और मुरली को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
पुलिस की भी जांच पड़ताल जारी
इस मामले में डीसीपी ऋषिकेश मीणा का कहना है कि प्रारंभिक तौर पर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और पूरे मामले में जांच पड़ताल की जा रही है. पुलिस ने साफ किया है कि कोर्ट के आदेश के अनुसार गिरफ्तारी की गई है. इसके साथ ही पुलिस भी अपने स्तर पर जांच पड़ताल कर रही है. गौरतलब है कि इस हादसे के बाद बावड़ी को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया था. इसके साथ ही मंदिर को भी वहां से शिफ्ट किया था. मंदिर शिफ्ट करने का विरोध भी हुआ था.
क्या है मामला
रामनवमी पर हुए दर्दनाक हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई। इंदौर के स्नेह नगर के पास पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर परिसर में बनीं बावड़ी के ऊपर की छत धंसने से कई लोग बावड़ी में गिर गए थे। गुरुवार सुबह करीब 11.30 बजे की घटना के बाद से शुक्रवार देर रात तक चले चले रेस्क्यू अभियान में 36 शव निकाले गए। मृतकों में महिलाओं और बच्चे भी शामिल हैं।
एक घायल की अस्पताल ले जाने के दौरान मौत हो गई। मृतकों में एक सास-बहू भी शामिल हैं। एक दर्जन से अधिक शव सेना ने देर रात निकाले। सेना का रातभर चला अभियान अल सुबह भी जारी रहा। इस हादसे के बाद आरोप-प्रत्यारोप के बीच प्रशासन और इंदौर नगर निगम के अमले ने कड़ी कार्रवाई की और बावड़ी को बंद करने के साथ ही मंदिर और अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया। मृतकों के परिजनों और घायलों को राज्य और केंद्र सरकार ने मदद की घोषणा की।