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जेएनयू अध्यक्ष पद के लिए बहस: छात्र संगठन मणिपुर हिंसा, सीएए, चुनावी बॉन्ड पर आमने-सामने

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नई दिल्ली,
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 22 मार्च को होने वाले छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहे विभिन्न संगठनों के उम्मीदवारों ने 'जय भीम,' 'भारत माता की जय,' और 'लाल सलाम' जैसे नारों के बीच  जोशीले भाषण दिए।

छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के बीच हुई बहस को देखने के लिए भारी संख्या में छात्र झेलम लॉन में एकत्रित हुए।

झेलम लॉन में ढोल और तुरही की आवाज माहौल गूंज उठा। उम्मीदवारों के बीच बहस शुरू होने से पहले छात्रों और विभिन्न संगठनों के समर्थकों ने अपने-अपने नेताओं के समर्थन में नारे लगाए।

उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी रामासुब्रमण्यम ने निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए बहस की अध्यक्षता की। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते ही जेएनयू छात्रा संघ (जेएनयूएसयू) चुनावों के लिए पर्यवेक्षक के रूप में उन्हें नियुक्त किया था।

विभिन्न छात्र संगठनों के उम्मीदवारों ने मणिपुर हिंसा, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, किसानों का विरोध, चुनावी बॉन्ड और इजराइल-फलस्तीन संघर्ष सहित कई मुद्दों को इस दौरान उठाया। उन्होंने मतदाताओं से विजयी बनाने की अपील करते हुए विश्वविद्यालय से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की।

समाजवादी पार्टी की छात्र शाखा से जेएनयूएसयू चुनाव की अध्यक्ष पद की एकमात्र महिला उम्मीदवार अराधना यादव के भाषण के साथ बहस की शुरुआत हुई।

अराधना यादव ने भाषण के दौरान विश्वविद्यालय की सुरक्षा, महिलाओं के खिलाफ भेदभाव सहित अन्य मुद्दों पर बात की और निर्वाचित होने पर उन्होंने अल्पसंख्यक आरक्षण की वकालत करने का वादा किया।

संयुक्त वाम गठबंधन के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार धनंजय ने अपने भाषण की शुरुआत ‘लाल सलाम’ का नारा लगाते हुए की। उन्होंने विश्वविद्यालयों द्वारा लिए गए उच्च शिक्षा अनुदान एजेंसी (एचईएफए) ऋण के कारण बढ़ी हुई फीस का मुद्दा उठाया।

धनंजय ने अन्य मुद्दों के अलावा बेरोजगारी, भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के प्रवेश के माध्यम से शिक्षा के व्यावसायीकरण के विषयों पर भी चर्चा की।

उन्होंने विश्वविद्यालय में पानी, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दों से निपटने का वादा किया। इसी के साथ उन्होंने देशद्रोह के आरोप के तहत हिरासत में लिए गए छात्र नेताओं की रिहाई की मांग की।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबंधित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार उमेश चंद्र अजमीरा ने छात्र संघ चुनाव में अपनी जीत का विश्वास जताया।

उन्होंने छात्र अधिकारों के लिए काम करने का वादा किया और एबीवीपी के तहत विकास कार्य होने का दावा भी किया।

कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई के उम्मीदवार जुनैद रजा और बिरसा आंबेडकर फुले छात्र संगठन (बीएपीएसए) के विश्वजीत मिंजी ने भी जोशीले भाषण दिए। उन्होंने वामपंथी और दक्षिणपंथी दोनों समूहों की आलोचना की और छात्र समुदाय से उन्हें वोट देने की अपील की।

जेएनयू में छात्र संघ चुनाव के लिए 22 मार्च को मतदान होगा। वहीं, 24 मार्च को परिणामों की घोषणा की जाएगी।