रांची
झारखंड में बड़ी सियासी उठापटक देखी जा रही है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की विधायक सीता सोरेन ने जेएमएम के सभी पदों और राज्य विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद मंगलवार को दिल्ली में भाजपा का दामन थाम लिया। सीता सोरेन ने जेएमएम की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे का पत्र पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन को भेजा था। पार्टी सूत्रों की मानें तो सीता सोरेन, चंपाई सोरेन सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज थीं।
सीता सोरेन झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के पुत्र दिवंगत दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। वह झामुमो के टिकट पर तीन बार से विधायक निर्वाचित होती आ रही हैं। उन्होंने भाजपा में शामिल होने से कुछ घंटे पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) छोड़ दिया और दावा किया कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी में उन्हें उपेक्षित और अलग-थलग किया जा रहा था। सोरेन यहां भाजपा मुख्यालय में राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और झारखंड चुनाव प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुईं।
सीता सोरेन झामुमो के केंद्रीय महासचिव का पद संभाल रही थीं। उन्होंने शिबू सोरेन को पत्र लिखकर कहा कि वह बहुत दुखी मन से अपना इस्तीफा दे रही हैं। सीता सोरेन का भाजपा ज्वाइन करने का फैसला झामुमो के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। सीता ने झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन को लिखे त्यागपत्र में अपनी व्यथा बयां की है। उन्होंने लिखा- मेरे स्वर्गीय पति दुर्गा सोरेन झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे। उनके निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहे हैं।
सीता सोरेन ने पत्र में कहा- हमें पार्टी और परिवार के सदस्यों की ओर से अलग-थलग कर दिया गया। यह मेरे लिए अत्यन्त पीड़ा दायक था। मुझे उम्मीद थी कि समय के साथ स्थितियां सुधर जाएंगी लेकिन बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि ऐसा नहीं हो पाया। मेरे स्वर्गीय पति ने अपने त्याग समपर्ण और नेतृत्व क्षमता के बल पर जिस झामुमो को एक महान पार्टी बनाया, आज JMM वैसी नहीं रही। मुझे पीड़ा होती है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गई है जिनके दृष्टिकोण हमारे मूल्यों और आदर्शों से नहीं मिलते।