केरल के मंदिर में 'पेटा' और अभिनेत्री प्रियामणि ने मशीनीकृत हाथी दान किया
हिमाचल प्रदेश: दिव्यांग प्रधानाचार्य लोकसभा चुनाव के लिए बनीं ऊना के युवाओं की आदर्श
सड़क हादसे के पीड़ितों के परिजनों को 49.32 लाख रू का मुआवजा देने का आदेश
कोच्चि
गैर लाभकारी संगठन 'पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स इंडिया' (पेटा) ने अभिनेत्री प्रियामणि के साथ मिलकर कोच्चि के त्रिक्कायिल महादेव मंदिर में एक मशीनीकृत हाथी दान किया है।
ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि मंदिर ने जीवित हाथियों को न रखने और न ही किराये पर लेने का निर्णय किया है। इस मंदिर में विभिन्न अनुष्ठान के लिए हाथी की जरूरत होती है।
पेटा ने जारी की गई एक विज्ञप्ति में बताया कि मशीनीकृत हाथी का नाम महादेवन रखा गया है। इसका इस्तेमाल मंदिर में सुरक्षित और क्रूरता मुक्त तरीके से समारोह आयोजित करने के लिए किया जाएगा। यह केरल में इस्तेमाल किया जाने वाला ऐसा दूसरा हाथी है।
पेटा की विज्ञप्ति में प्रियामणि के हवाले से कहा गया, ''प्रौद्योगिकी में प्रगति का मतलब है कि हम अपनी समृद्ध सांस्कृतिक प्रथाओं और विरासत को बनाए रख सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि इससे जानवरों को भी नुकसान न पहुंचे।''
त्रिक्कायिल महादेव मंदिर के मालिक थेक्किनियेदथ वल्लभन नंबूथिरी ने कहा कि वे भगवान द्वारा बनाए गए सभी जानवरों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए मशीनीकृत हाथी महादेवन के उपयोग को लेकर अत्यंत प्रसन्न हैं।
उन्होंने कहा कि हाथी भी मनुष्यों की तरह अपने परिवारों के साथ स्वतंत्र और सुरक्षित रहना चाहते हैं।
पिछले साल त्रिशूर जिले के इरिनजादपिल्ली कृष्ण मंदिर के अधिकारियों ने किसी भी उत्सव के लिए जीवित जानवरों का उपयोग बंद करने का संकल्प लिया था। इसके बाद केरल में पहली बार उन्होंने मंदिर में अनुष्ठानों के लिए मशीनीकृत हाथी का इस्तेमाल किया था।
हिमाचल प्रदेश: दिव्यांग प्रधानाचार्य लोकसभा चुनाव के लिए बनीं ऊना के युवाओं की आदर्श
ऊना
हिमाचल प्रदेश में ऊना प्रशासन ने मतदान के अधिकार के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से एक विद्यालय की दिव्यांग प्रधानाचार्य को लोकसभा चुनाव के लिए जिले में युवाओं की आदर्श नियुक्त किया।
अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि देहलान में स्थित आश्रय विद्यालय की प्रधानाचार्य अमरजीत कौर को 'व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी' (एसवीईईपी) के तहत मतदान अधिकार के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए चुना गया है। पोलियोग्रस्त अमरजीत कौर चल नहीं पातीं।
अधिकारियों ने बताया कि अमरजीत कौर दिव्यांग मतदाताओं को उनके मतदान अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वह दिव्यांग व्यक्तियों से बात कर उन्हें घर से मतदान करने के विकल्प और मतदान केंद्रों पर उपलब्ध व्हीलचेयर या रैंप जैसी विभिन्न सुविधाओं का लाभ लेते हुए मतदान करने के बारे में जागरूक कर रही हैं।
अमरजीत कौर स्वयं सहायता समूहों, ‘महिला मंडलों’ और ‘युवा मंडलों’ के बीच और सोशल मीडिया के माध्यम से मतदान सुविधाओं के बारे में लोगों को जागरूक कर रही हैं। उन्होंने लोगों से अपने मताधिकार का उपयोग करने की अपील की है। देहलान की रहने वाली अमरजीत कौर समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं और उन्होंने बीएड की डिग्री ली है।
सड़क हादसे के पीड़ितों के परिजनों को 49.32 लाख रू का मुआवजा देने का आदेश
ठाणे,
ठाणे मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2018 में एक सड़क दुर्घटना में मारे गए दो लोगों और पांच अन्य घायलों के परिवारों को 49.32 लाख रुपये का सामूहिक मुआवजा देने का आदेश दिया है।
सभी पीड़ित 22 दिसंबर, 2018 को शिरडी की ओर पैदल ही ‘साईं पालकी’ के साथ जा रहे थे और उसी दौरान ये हादसा हुआ था। याचिकाकर्ताओं के वकील एस एम पवार ने न्यायाधिकरण को बताया कि सिन्नर-शिरडी रोड पर देवपुर फाटा के पास एक कार ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई जबकि अन्य घायल हो गए थे।
एमएसीटी के अध्यक्ष और प्रधान जिला न्यायाधीश एसबी अग्रवाल ने सात मार्च को पारित आदेश में दो मृतकों के परिवारों और घायल हुए पांच अन्य व्यक्तियों से संबंधित मामले में कुल सात पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश दिया है। आदेश की प्रति सोमवार को उपलब्ध करायी गयी।
न्यायाधिकरण ने कहा कि मुआवजे में 7.50 प्रतिशत प्रतिवर्ष (दावा दाखिल करने की तारीख से) की दर से ब्याज भी शामिल है, जिसका शुरूआत में भुगतान पीड़ितों को टक्कर मारने वाले वाहन की बीमा कंपनी करेगी और बाद में यह उसके मालिक से वसूला जाएगा।
हादसे में मारे गए 19 वर्षीय अनिकेत दीपक मेहत्रे के माता-पिता को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया। अनिकेत नौकरी करता था और उसे 30,000 रुपये का मासिक वेतन मिलता था।
घटना में मारे गए एंड्रू एंथनी किनी (32) की मां और भाई को 16,82,800 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया। एंड्रू को 50,000 रुपये का मासिक वेतन मिलता था।
न्यायाधिकरण ने निर्देश दिया कि मुआवजे की राशि का एक निश्चित हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए सावधि जमा में निवेश किया जाए और शेष दावेदारों को सौंप दिया जाए।
एमएसीटी ने पांच अन्य व्यक्तियों को हादसे में उनको लगी चोट और उनकी आजीविका पर प्रभाव के आधार पर 50,000 रुपये से चार लाख रुपये तक का मुआवजा देने का आदेश दिया।
न्यायाधिकरण ने अपने फैसले पर पहुंचते समय पुलिस शिकायतों सहित विभिन्न कारकों को ध्यान में रखा, जो कार चालक की लापरवाही की ओर इशारा करते थे।
वाहन के बीमाकर्ता ने चालक के ‘लाइसेंस’ की वैधता और चालक के संभावित नशे में होने के आधार पर दावे का विरोध करने की कोशिश की थी।