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खनिज न्यास में भारी गड़बड़ी: फेकल्टी मेंबर की सेवा समाप्ति के खिलाफ याचिका; सीईओ को नोटिस जारी कर किया तलब

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जांजगीर-चांपा.

जांजगीर-चांपा में जिला खनिज न्यास मद में 52 लाख रुपये की गड़बड़ी हुई, यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। मामले में जिला पंचायत ने दोषी अफसरों पर कार्रवाई करने के बजाए एक फेकल्टी मेंबर की सेवा समाप्त कर दी। उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने जिला पंचायत सीईओ को नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब नहीं देने से नाराज हाईकोर्ट ने सीईओ को घोटाले की फाइल के साथ 9 अप्रैल को तलब किया है।

इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता चंद्रहास जायसवाल ने एडवोकेट प्रतीक शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। जिसमे बताया गया है, कि जिला पंचायत जांजगीर-चांपा में मुख्यमंत्री सशक्तीकरण योजना के तहत संकाय सदस्य के पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। जिस पर याचिकाकर्ता को मैरिट लिस्ट के आधार पर 25 जनवरी 2017 को  नियुक्ति दी गई। इस बीच बिना किसी शिकायत के वह 9 सितंबर 2023 तक काम करता रहा। याचिकाकर्ता के मुताबिक जिला खनिज संस्थान न्यास मद के अंतर्गत कौशल विकास और रोजगार चयन में मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण सह टूल्स प्रदाय व अन्य कार्य के लिए 30 मार्च 2021 को 52 लाख 4 हजार 500 रुपए की राशि की प्रशासकीय स्वीकृति मिली। इसके लिए विधिवत टेंडर मंगवा कर काम कराने के बाद भुगतान किया गया। जिसके बाद DMF के इस काम में गड़बड़ी की शिकायत की गई, तो जांच में 52 लाख रुपए की गड़बड़ी पाई गई, और कलेक्टर के निर्देश पर उनकी सेवा समाप्त कर दी गई।

याचिकाकर्ता का कहना है कि जिस काम के लिए उन्हें दोषी बताया गया है, उसमें उनका काम केवल विभाग में प्रस्तुत दस्तावेजों का परीक्षण करना था, लेकिन उन पर ही कार्रवाई की गई, राशि के लेनदेन में शामिल किसी अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस एन के व्यास के सिंगल बेंच में चल रही है। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मामले में जिला पंचायत सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और उन्हें उपस्थित रहने के निर्देश दिए थे, लेकिन उनकी तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ, तो जस्टिस व्यास ने नाराजगी जाहिर करते हुए सीईओ को घोटाले की फाइल सहित सभी दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी।