माले.
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के भारत विरोधी बयान थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मुइज्जू ने शनिवार को कहा कि मालदीव कोई छोटा देश नहीं है। हिंद महासागर में द्वीप राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों से किसी बाहरी पक्ष को चिंतित नहीं होना चाहिए। चीन परस्त नेता मुइज्जू की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब भारतीय सैन्य कर्मियों का पहला जत्था द्वीप राष्ट्र को छोड़ चुका है।
ये सैन्य कर्मी भारत की ओर से उपहार में दिए गए हेलीकॉप्टर का संचालन करने के लिए माले में तैनात थे। देश के शीर्ष पद पर पहुंचने से पहले मुइज्जू ने देश में इंडिया आउट अभियान चलाया था। इसके बाद पिछले साल नवंबर में वह द्वीप राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने भारत से कहा था कि वह द्वीप राष्ट्र से अपने करीब 90 सैनिकों को वापस बुलाए। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से शुक्रवार को एक बयान जारी किया गया। जिसमें कहा गया है कि मुइज्जू ने मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) एयर कोर्प्स और मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) के शुभारंभ के लिए आयोजित समारोह में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, मालदीव कोई छोटा देश नहीं है और वह अपने अधिकार क्षेत्र की निगरानी करने में सक्षम है।
उन्होंने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, मालदीव एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है। मालदीव के अधिकार क्षेत्र की निगरानी करने से किसी भी बाहरी पक्ष को चिंतित नहीं होना चाहिए। बयान में कहा गया है कि उन्होंने मालदीव के आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ने और हर पहलू में एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र बने रहने के महत्व पर जोर दिया। मुइज्जू ने कहा कि मालदीव की स्वतंत्रता और संप्रभुतता अलग-अलग विचारधाराओं के बावजूद पूरी आबादी के आम हित में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे मालदीव के सभी देशों के साथ करीबी संबंध बाधित नहीं होंगे। चीन समर्थक नेता ने पुष्टि की कि कोई भी भारतीय सैन्यकर्मी 10 मई के बाद उनके देश के अंदर मौजूद नहीं होगा।