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Bihar News : ब्रॉडसन के अध्यक्ष रहे बालू कारोबारी के घर आरा में ईडी कर रही जांच; जदयू एमएलसी से जुड़ी है कंपनी

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भोजपुर.

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीबी सुभाष यादव की गिरफ्तार के बाद अब भोजपुर में बालू कारोबारी पुंज कुमार सिंह और कृष्ण मोहन सिंह के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। नगर थाना क्षेत्र के आनंद नगर मोहल्ला स्थित कृष्ण मोहन सिंह के आवास पर ईडी की 6 सदस्यीय टीम रेड कर रही है। वहीं, कोइलवर थाना क्षेत्र के धनडीहा में पुंज सिंह के हवेली पर भी छह सदस्यीय टीम संपत्ति की जांच में जुटी है।

ईडी दोनों बालू कारोबारियों की चल अचल संपत्ति की जांच पड़ताल कर रही है। जानकारी के मुताबिक, बालू कारोबारी पुंज कुमार सिंह पर 250 करोड़ से अधिक के राजस्व चोरी का मामला है। इसके आधार पर ईडी अपनी कार्रवाई में जुटी हुई है। बालू कारोबारी पुंज कुमार सिंह और कृष्ण मोहन सिंह ब्रॉडसन के निदेशक रहे हैं। वहीं कृष्ण मोहन सिंह पर भी करोड़ों रुपए बालू के राजस्व चोरी का आरोप है। वहीं छापेमारी के दौरान किसी भी शख्स को अंदर जाने से साफ मना कर दिया गया है। ईडी के अधिकारी कई कागजातों की तलाशी और पूछताछ कर रही है।

जदयू एमएलसी और उनके बेटे पर हुई थी कार्रवाई
इससे पहले सितंबर 2023 में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने जदयू एमएलसी राधा चरण सेठ और उनके बेटे कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया था। इनके अलावा मिथिलेश कुमार सिंह व जगन सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। वहीं पिछले दिनों ईडी की टीम ने संदेश के पूर्व राजद विधायक अरुण कुमार यादव के आवास पर भी छापेमारी की थी। इधर एक बार फिर से शनिवार की अहले सुबह प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने एक साथ जिले के दो बड़े बालू कारोबारी के यहां दाबिश दी है।

यह सभी मामले मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े हैं
दरअसल, यह सभी मामले मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े हैं।  बिहार पुलिस द्वारा ब्रॉडसन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड (बीसीपीएल) नामक कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज की गई 20 एफआईआर के बाद कई राज खुले। इसमें यह आरोप लगाया गया है कि वे ई-चालान का उपयोग किए बिना रेत के अवैध खनन और बिक्री में यह लोग लगे हुए थे। इस अवैध बालू कारोबार को एक सिंडिकेट द्वारा नियंत्रित किया जाता था। सिंडिकेट अवैध बालू बेचकर लाभ कमाता था। सूत्रों सुभाष यादव को बीसीपीएल में "प्रमुख सिंडिकेट" सदस्य बता रहे। ईडी ने दावा किया है कि इस मामले में 161 करोड़ रुपये की आय अर्जित की गई थी।