Home व्यापार फरवरी में घरेलू हवाई यातायात 4.8 प्रतिशत बढ़कर 126.48 लाख यात्री हुआ

फरवरी में घरेलू हवाई यातायात 4.8 प्रतिशत बढ़कर 126.48 लाख यात्री हुआ

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फरवरी में घरेलू हवाई यातायात 4.8 प्रतिशत बढ़कर 126.48 लाख यात्री हुआ

यूपीआई लेनदेन जारी रखने को पेटीएम को पांच हैंडल मिले

एलटीटीएस को महाराष्ट्र सरकार से 800 करोड़ रुपये की परियोजना मिली

नई दिल्ली
फरवरी में घरेलू हवाई यातायात सालाना आधार पर 4.8 प्रतिशत बढ़कर 126.48 लाख यात्री हो गया। इस दौरान उड़ान में देरी से 1.55 लाख से अधिक यात्री प्रभावित हुए।

 जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी 12.2 प्रतिशत से बढ़कर 12.8 प्रतिशत हो गई, जबकि इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी जनवरी में 60.2 प्रतिशत से मामूली गिरावट के साथ 60.1 प्रतिशत रह गई।

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा कि घरेलू हवाई यातायात फरवरी में बढ़कर 126.48 लाख यात्री हो गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 120.69 लाख यात्री था।

हालांकि, जनवरी में ट्रैफ़िक 1.31 करोड़ से कम दर्ज किया गया था।

डीजीसीए ने कहा, ‘जनवरी-फरवरी, 2024 के दौरान घरेलू एयरलाइंस से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 257.78 लाख थी, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह संख्या 246.11 लाख थी, जिससे 4.74 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि और 4.80 प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर्ज की गई।’

फरवरी में उड़ान में देरी के कारण 1,55,387 यात्री प्रभावित हुए और अनुसूचित वाहकों ने सुविधा के लिए 222.11 लाख रुपये खर्च किए।

डीजीसीए ने कहा कि रद्दीकरण से 29,143 यात्री प्रभावित हुए और एयरलाइंस ने मुआवजे और सुविधाओं पर 99.96 लाख रुपये खर्च किए।

पिछले महीने, रद्दीकरण के कारण कुल 917 यात्री प्रभावित हुए थे और इस संबंध में मुआवजे और सुविधाओं के लिए एयरलाइंस द्वारा खर्च की गई राशि 78.19 लाख रुपये थी।

फरवरी में निर्धारित घरेलू एयरलाइनों को कुल 791 यात्री-संबंधी शिकायतें प्राप्त हुईं और प्रति 10,000 यात्रियों पर शिकायतों की संख्या लगभग 0.63 थी।

आंकड़ों से पता चला कि 37.8 प्रतिशत यात्रियों की शिकायतें उड़ान संबंधी समस्याओं के बारे में थीं, इसके बाद सामान (19 प्रतिशत), रिफंड (16.3 प्रतिशत) और ग्राहक सेवा (11.1 प्रतिशत) की शिकायतें थीं।

यूपीआई लेनदेन जारी रखने को पेटीएम को पांच हैंडल मिले

नई दिल्ली
वित्तीय प्रौद्योगिकी मंच पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस को यूपीआई लेनदेन जारी रखने के लिए चार बैंकों के साथ साझेदारी में पांच हैंडल मिले हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) पर यह जानकारी दी गई।

कंपनी का मौजूदा हैंडल @पेटीएम उन पांच हैंडलों में से एक है, जिन्हें उपयोगकर्ता अपनी ओर से कोई बदलाव किए बिना उपयोग करना जारी रख सकते हैं।

एनपीसीआई ने यस बैंक के साथ साझेदारी में पेटीएम के लिए @पेटीएम और एक बंद उपयोगकर्ता समूह यूपीआई हैंडल @पीटाइप्स को मंजूरी दे दी है।

एनपीसीआई ने एचडीएफसी बैंक के साथ @पीटीएचडीएफसी और भारतीय स्टेट बैंक के साथ @पीटीएसबीआई को भी भागीदार के रूप में मंजूरी दे दी है। हालांकि, ये दोनों हैंडल इस समय सक्रिय नहीं हैं।

पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा कि उपयोगकर्ता अपनी ओर से कोई बदलाव किए बिना @पेटीएम हैंडल का निर्बाध रूप से उपयोग करना जारी रख सकते हैं।

एनपीसीआई ने 14 मार्च को कंपनी के उपयोगकर्ताओं के लिए यूपीआई लेनदेन जारी रखने के लिए एसबीआई, एक्सिस बैंक, यस बैंक और एचडीएफसी बैंक के सहयोग से पेटीएम के लिए एक तृतीय पक्ष एप्लिकेशन (टीपीएपी) प्रदाता परमिट को मंजूरी दे दी।

पेटीएम के यूपीआई लेनदेन पहले पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) के माध्यम से किए जा रहे थे, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 15 मार्च के बाद किसी भी ग्राहक खाते में जमा, क्रेडिट लेनदेन या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है।

वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) की पीपीबीएल में 49 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय शेखर शर्मा के पास संकटग्रस्त बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी है।

 

एलटीटीएस को महाराष्ट्र सरकार से 800 करोड़ रुपये की परियोजना मिली

मुंबई
एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज ने साइबर सुरक्षा और डिजिटल जोखिम विश्लेषण केंद्र स्थापित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार से 10 करोड़ डॉलर (लगभग 800 करोड़ रुपये) की परियोजना हासिल की है।

कंपनी ने  बयान में कहा कि प्रमुख अवसंरचना कंपनी एलएंडटी की इंजीनियरिंग सेवा इकाई ने राज्य के लिए उन्नत साइबर सुरक्षा समाधान प्रदान करने, साइबर खतरों के खिलाफ सार्वजनिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए फोरेंसिक साझेदार के रूप में केपीएमजी एश्योरेंस एंड कंसल्टिंग सर्विसेज एलएलपी के साथ गठजोड़ किया है।

कंपनी ने कहा कि यह अनुबंध भारत में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है, और एक इकाई के नीचे एकीकृत साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक समाधानों के माध्यम से डिजिटल रूप से जुड़े स्मार्ट और सुरक्षित शहरों को विकसित करने की पहल का एक हिस्सा है।

इसमें कहा गया कि परियोजना में एक परिष्कृत साइबर सुरक्षा प्रणाली को डिजाइन करना और एआई (कृत्रिम मेधा) और डिजिटल फोरेंसिक टूल का लाभ उठाकर साइबर अपराध की घटनाओं और जांच को संबोधित करने के लिए एक साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध रोकथाम केंद्र की स्थापना करना शामिल है।

कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) अमित चड्ढा ने कहा, "यह 25 से अधिक निर्देश केंद्र स्थापित करने के अपने अनुभव का लाभ उठाने और साइबर सुरक्षा की बढ़ती गंभीरता और बड़े समाज के लिए उन्नत डिजिटल सुरक्षा मंचों और उपकरणों में निवेश करने के महत्व को पहचानने का एक अवसर है।"