नई दिल्ली
पूर्वोत्तर राज्य असम में भी इंडिया अलायंस बेपटरी होता नजर आ रहा है। एक तरफ दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने असम के गुवाहाटी लोकसभा सीट से अपने घोषित उम्मीदवार का नाम वापस ले लिया है, तो दूसरी तरफ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। ऐसा तब हुआ है, जब सहयोगी दलों के बीच सीट शेयरिंग पर बातचीत लगभग खत्म हो चुकी है। आम आदमी पार्टी ने भावेन चौधरी को गुवाहाटी से उम्मीदवार बनाया था, जिनका नाम वापस ले लिया गया है। सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस संग चल रही बातचीत और गठबंधन के मद्देनजर ये फैसला लिया है। असम में पार्टी तीन लोकसभा सीटों पर पहले ही उम्मीदवार घोषित कर चुकी थी। सूत्रों के मुताबिक, अब पार्टी सिर्फ डिब्रूगढ़ और सोनितपुर से चुनाव लड़ेगी।
दिल्ली, गोवा, गुजरात, चंडीगढ़ और हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान करने से पहले ही आम आदमी पार्टी ने पिछले ही महीने 8 फरवरी को असम की तीन सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया था। पार्टी ने डिब्रूगढ़ से मनोज धनोवर और सोनितपुर से ऋषिराज को कैंडिडेट बनाया है। आम आदमी पार्टी ने असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा के नेतृत्व वाले असम के संयुक्त विपक्षी मंच को पत्र लिखकर कहा है कि विपक्षी एकता के लिए आप ने गुवाहाटी से अपने कैंडिडेट को वापस लेने का फैसला किया है, ताकि हमारे गणतंत्र और संविधान के लिए खतरा बन चुकी भाजपा को हराया जा सके। आप ने भी कांग्रेस से डिब्रूगढ़ और सोनितपुर से अपने उम्मीदवार हटाने को कहा है।
उधर, असम में विपक्षी एकता को झटका देते हुए तृणमूल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को चार लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। राज्य में अन्य गैर-भाजपा दल पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा कर चुके हैं। तृणमूल कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कोकराझार (एसटी), बारपेटा, लखीमपुर और सिलचर (एससी) सीट के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की। पार्टी ने कोकराझार में गौरी शंकर सरानिया, बारपेटा में अबुल कलाम आजाद, लखीमपुर में घाना कांता चुटिया और सिलचर में राधाश्याम विश्वास को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है। बता दें कि टीएमसी, यूनाइटेड अपोजिशन फोरम असम (यूओएफए) का हिस्सा है। यह 16 दलों का गठबंधन है।
कांग्रेस ने मंगलवार को असम की 14 लोकसभा सीट में से 12 पर उम्मीदवारों की घोषणा की थी। कांग्रेस ने ‘इंडिया’ गठबंधन की सहयोगी असम जातीय परिषद (एजेपी) को डिब्रूगढ़ सीट की पेशकश की है, जबकि लखीमपुर निर्वाचन क्षेत्र पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी बुधवार को घोषणा की कि उसके विधायक मनोरंजन तालुकदार बारपेटा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इस सीट के लिए कांग्रेस ने पहले ही अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है।