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महाराष्ट्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में जमीन की खरीद की है, यह भूमि महाराष्ट्र भवन बनाने के लिए ली गई

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मुंबई श्रीनगर
महाराष्ट्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में जमीन की खरीद की है। यह भूमि महाराष्ट्र भवन बनाने के लिए ली गई है। इसके साथ ही महाराष्ट्र देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसने जम्मू-कश्मीर में राज्य भवन बनाने के लिए भूमि खरीदने का फैसला लिया है। सरकार की ओर से यह जमीन श्रीनगर के बाहरी इलाके बडगाम में खरीदी गई है। महाराष्ट्र कैबिनेट ने बुधवार को इस फैसले को मंजूरी दी। इसके तहत ढाई एकड़ जमीन खरीदी गई है, जो इछगाम इलाके में है। यह इलाका श्रीनगर एयरपोर्ट के पास ही बसा हुआ है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने जमीन के स्थानांतरण के लिए मंजूरी दे दी है। 8.16 करोड़ रुपये की कीमत अदा की गई है।'

जम्मू-कश्मीर के राजस्व विभाग ने बताया, 'जमीन के ट्रांसफर के लिए मंजूरी दे दी गई है। करीब 20 कनाल जमीन महाराष्ट्र सरकार को दी जाएगी। इसके लिए 8.16 करोड़ रुपये की रकम मिली है।। महाराष्ट्र सरकार को 40.8 लाख रुपये प्रति कनाल की दर से जमीन दी गई है। इस पर महाराष्ट्र भवन का निर्माण किया जाएगा।' बीते साल जून में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने एलजी मनोज सिन्हा से मुलाकात की थी। तभी दोनों के बीच जमीन खरीद को लेकर भी बात हुई थी।

महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में आने वाले उसके राज्य के पर्यटकों को यहां ठहरने की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा अन्य कई सुविधाएं भी महाराष्ट्र से आने वाले लोगों को मिलेगी। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार के फैसले के बाद देश के कुछ और राज्य भी इस तरह का फैसला ले सकते हैं। बता दें कि वित्त मंत्री अजित पवार ने भी बजट के दौरान ऐलान किया था कि श्रीनगर और अयोध्या में महाराष्ट्र भवन का निर्माण किया जाएगा। इनके माध्यम से महाराष्ट्र से यूपी और कश्मीर जाने वाले पर्यटकों को उचित दरों पर सुविधाएं दी जा सकेंगी।

अजित पवार का कहना था कि इन दोनों भवनों के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 77 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने से पहले वहां सिर्फ राज्य के नागरिक ही जमीन खरीद सकते थे। अब बाहर का भी कोई व्यक्ति या संस्था जमीन की खरीद कर सकती थी। हालांकि सरकार के आदेश पर किसी उद्योग या फिर बाहरी संस्थान को 99 सालों के लिए लीज पर जमीन देने का प्रावधान था।