भोपाल
जल के महत्व को समझते हुए प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई ने नदी जोड़ो अभियान का गणेश किया था। इस अभियान को मूर्त रुप देने के लिए हर घर में पानी एवं हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गारंटी के साथ केन बेतवा पार्वती कालीसिंध चंबल लिंक परियोजना की शुरूआत की। पार्वती कालीसिंध चंबल लिंक परियोजना मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार की संयुक्त परियोजना है। जिसमें मध्यप्रदेश से निकलने वाली कालीसिंध, पार्वती एवं इनकी सहायक नदियों के लिए गाइड लाईन प्रस्तावित है। इसमें 6 बेराज 2 बांध शामिल हैं।
इस परियोजना में मध्यप्रदेश के लिए 35 हजार करोड़ की राशि प्रस्तावित की गई है। जिससे 6.17 हेक्टर की कुल सिंचाई वाली परियोजना में मध्यप्रदेश की लगभग 4 लाख हेक्टेरयर (नवीन) भूमि की सिंचाई की जा सकेगी। परियोजना में केन्द्र सरकार द्वारा 90 प्रतिशत (केन्द्र) तथा राज्यर सरकार द्वारा 10 प्रतिशत (राज्यों) व्यय किया जाएगा। इस परियोजना में मध्यप्रदेश के 9 जिलों (इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, शिवपुरी, श्योपुर, गुना, ग्वालियर) के संभावित 1613 ग्राम के 3 लाख 15 हजार 504 परिवार लाभांवित होंगे। परियोजना अंतर्गत 323 मिलियन घनमीटर जल को पेयजल के लिये आरक्षित किया गया है। 4 जिलों (उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर मालवा) में 30 मिलियन घनमीटर पानी आरक्षित किया गया है। परियोजना के माध्यम से प्रत्येक नागरिक को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। यह बात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री गौतम टेटवाल ने जल संरक्षण अभियान अंतर्गत आयोजित की जा रही केन बेतवा लिंक परियोजना तथा पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के संभावित लाभान्वित गांवों में कलश यात्रा तथा जल आधारित विभिन्न कार्यक्रमों के समापन अवसर पर राजगढ़ जिले के ग्राम गोपालपुरा में आयोजित कार्यक्रम में कही।
इस दौरान मंत्री टेटवाल ने कहा कि योजना में 2024 तक हर घर नल से शुद्ध जल मिलेगा। इस अवसर पर उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित की गई जल संरक्षण पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियो को भी पुरस्कृत किया।
उल्ले्खनीय है कि सारंगपुर तहसील अंतर्गत पार्वती कालीसिंध चंबल लिंक राष्ट्रीय परियोजना से 18 ग्राम लाभांवित हो रहे हैं। जल संसाधन विभाग द्वारा इन लाभांवित ग्रामों में 11, 12 एवं 13 मार्च को कलश यात्रा एवं जल आधारित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिनका राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कौशल विकास एवं रोजगार गौतम टेटवाल द्वारा 13 मार्च को ग्राम गोपालपुरा में समापन किया गया।
आयोजन के दौरान समस्त लाभांवित ग्रामों में जल संरक्षण पर आधारित दीवार लेखन का कार्य किया गया। ग्रामों में गणमान्य नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों, किसानों, महिला एवं विद्यार्थियों को सम्मिलित कर कलश यात्रा तथा रथ यात्रा के माध्यम से जल के महत्व एवं संरक्षण के प्रति जागरूकता के लिये सभाएं आयोजित की गई थी। फ्लेक्स एवं बैनर के माध्यम से जन जागरूकता लाई गई। इसके अलावा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। साथ ही जल पर केन्द्रित चित्रकला, निंबध, खेलकूद, वाद विवाद, रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।