भोपाल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना ने गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को पांच लाख रुपये तक मुफ्त उपचार की गारंटी दी है। मध्य प्रदेश में एक करोड़ 20 लाख से अधिक परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। प्रदेश चार करोड़ 70 लाख से अधिक पात्र हितग्राही हैं, जिसमें तीन करोड़ 96 लाख हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं। आयुष्मान कार्ड बनाने में मध्य प्रदेश, देश में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर है।
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव के पहले इसे बड़ी उपलब्धि के रूप में जनता के सामने प्रस्तुत किया था। दूसरी बात यह केंद्र सरकार द्वारा उपचार के लिए तय पैकेज के अतिरिक्त राज्य सरकार भी आवश्यकता के अनुसार इसमें नई बीमारियों को जोड़ती रही है। एक अप्रैल से 359 बीमारियां जोड़ने की तैयारी है। अभी 1500 से अधिक तरह बीमारियां पैकेज में शामिल हैं।
आयुष्मान भारत योजना के अधिकारियों ने बताया के प्रदेश भर में सरकारी और निजी अस्पताल मिलाकर हर दिन लगभग चार हजार रोगी उपचार के लिए भर्ती किए जा रहे हैं। राज्य की लगभग 80 प्रतिशत आबादी को इस योजना का लाभ मिल रहा है। गड़बड़ी रोकने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत बनाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी याजनाओं में शामिल आयुष्मान भारत योजना (पीएम जय) में गड़बड़ी करने में भी निजी अस्पतालों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। नर्सिंग होम ही नहीं निजी मेडिकल कालेज ने भी जमकर गड़बड़ी की। भोपाल के तीन अस्पतालों ने फर्जी मरीज दिखाकर भुगतान लेने के लिए दावा प्रस्तुत किया। तीन अस्पतालों पर एफआइआर कराई गई। पिछले वर्ष 176 अस्पतालों पर कार्रवाई की गई। इनसे 18 करोड़ रुपये अर्थदंड की वसूली की गई। बिना जरूरत रोगी को भर्ती करने, गंभीर नहीं होने के बाद भी बिल बढ़ाने के लिए आइसीयू में रखने की गड़बड़ी साबित हो चुकी है।
यह है योजना
इसमें चिह्नित परिवार के सदस्यों का एक वर्ष में पांच लाख रुपये तक का निश्शुल्क उपचार किया जाता है। उपचार के लिए बीमारियों के पैकेज निर्धारित किए गए हैं। इसमें केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित बीमारियों के अतिरिक्त प्रदेश सरकार द्वारा भी आवश्यकता के अनुसार लगातार कुछ बीमारियों को जोड़ा जा रहा है।