रमजान का महीना आज 12 मार्च से चालू हो गया है. इस्लाम धर्म में इन तीस दिनों को बहुत ही पवित्र माना जाता है. इस धर्म को मानने वाले सभी लोगों के लिए इस दौरान उपवास जिसे रोजा कहा जाता है, रखना जरूरी होता है. हालांकि बीमार होने पर ऐसा करना जरूरी नहीं है.
लेकिन कई लोग डायबिटीज होने पर भी रोजा रखते हैं. वैसे तो शुगर की समस्या होने पर खाने पीने के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहिए. लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर मधुमेह के मरीज भी उपवास रख सकते हैं. यहां आप ऐसी कुछ जरूरी बातों को जान सकते हैं.
पर्याप्त नींद लें
जिन चीजों से आपको कभी समझौता नहीं करना चाहिए, उनमें से एक है नींद के घंटे. विशेष रूप से उपवास के दौरान, पर्याप्त मात्रा में नींद आवश्यक है. इससे भोजन पचाने में मदद मिलती है और बाद में पाचन संबंधी समस्या नहीं होती है.
खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेट करें
उपवास करने वाले लोगों में डिहाइड्रेशन एक सामान्य और गंभीर जोखिम है जिसका सामना विशेष रूप से मधुमेह के रोगियों को करना पड़ता है. ऐसे में नींबू पानी, छाछ, नारियल का पानी, खरबूजे, कम चीनी वाले ताजे फलों का रस, गुलाब के शरबत का पर्याप्त सेवन करें. इससे शरीर में दिन भर पानी की कमी नहीं होगी.
प्रोबायोटिक्स शामिल करें
सेहरी में भोजन के बाद एक चम्मच दही का सेवन जरूर करें. यह खाने को बचने में मदद करेगा साथ ही उपवास में एसिडिटी की संभावना भी कम होती है.
शुगर फ्री ड्रिंक्स से उपवास शुरू करें
इफ्तार में शुगर फ्री हाइड्रेटिंग ड्रिंक लें और फिर खाने के लिए आगे बढ़ें. ध्यान रखें ज्यादा फैट वाले फूड्स आइटम जैसे समोसा, कबाब, पूरी का सेवन ना करें. पत्तेदार सब्जियां, फल, सूखे मेवे और स्किनलेस चिकन, मछली जैसे लीन मांस का विकल्प चुनें.
संतुलित भोजन के साथ उपवास खोलें
सेहरी में संतुलित आहार का सेवन करें जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज की रोटी, फल्लियां, दुबला प्रोटीन, कम चीनी वाले अनाज, दूध और जूस शामिल हो.
ब्लड शुगर की जांच करें
ब्लड शुगर की जांच करते रहें इससे समस्या होने पर वक्त पर हेल्थ एक्सपर्ट की मदद मिल सकती है. साथ ही इंसुलिन लेने वाले लोग फास्टिंग से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें.