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छत्तीसगढ में महिलाओं को लुभाने की कोशिश में राजनीतिक पार्टियां

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रायपुर
छत्तीसगढ़ में महिलाओं की सरकार बनाने में क्या भूमिका रहती है, यह तो विधानसभा चुनाव के नतीजे से सबके सामने आ ही गया है। छत्तीसगढ़ में महिला वोटर्स की निर्णायक भूमिका रहती है। यही कारण है कि चुनाव से पहले महिलाओं को लेकर तमाम पार्टियों की पॉलिटिकल स्ट्रेटजी तैयार होने लगती है। महिलाओं के लिए तमाम वादे और योजनाओं की घोषणा होती है, जिससे वोट के रूप में उनका आशीर्वाद मिले।

लोकसभा चुनाव की घड़ी नजदीक है, फिर से महिलाओं पर सभी पार्टियां केंद्रित हो गई हैं। छत्तीसगढ़ में अंकगणित भी इस बार महिलाओं के पक्ष में देखा गया है, क्योंकि यहां पुरुष वोटर से ज्यादा महिला वोटर हैं।

विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ में 2 करोड़ तीन लाख 60 हजार 240 मतदाता रहे हैं। इनमें से एक करोड़ एक लाख 20 हजार 830 पुरूष मतदाता हैं, जबकि एक करोड़ दो लाख 39 हजार 410 महिला मतदाता और 790 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। सूबे में महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले 1 लाख 18 हजार 580 अधिक है। यही वजह है कि दल महिला मतदाताओं को अपने पाले में करने की कोशिश करते हैं।

महिलाओं ने जिताया विधानसभा चुनाव?

बीजेपी की ओर से अमित शाह ने 3 नवंबर को ही चुनावी घोषणाओं का एलान किया था। इसमें महिलाओं को 12 हजार रुपए सालाना दिए जाने की बात हुई। इसे सरकार बनने के बाद महतारी वंदन योजना के नाम से जाना गया। बीजेपी के घोषणा पत्र के बाद 5 नवंबर को जब कांग्रेस के घोषणा पत्र का ऑफिशियल अनाउंसमेन्ट किया गया। उसमें बीजेपी की इस महिलाओं से जुड़ी योजना का कोई जिक्र नहीं था।

पहले चरण के चुनाव के बाद तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल ने अचानक इस योजना का ऐलान किया। क्यों कि बीजेपी अपने वादे में 12 हजार रुपए सालाना महिलाओं को देने की बात कह चुकी थी, इसके जवाब में कांग्रेस ने 15 हजार रुपए सालाना देने की घोषणा कर दी। यह ऐलान बीते धनतेरस को किया गया, लेकिन इस बात का असर महिलाओं तक नहीं पहुंचा औऱ बीजेपी को महिलाओं का भरपूर आशीर्वाद मिला।

महिला प्रत्याशियों पर लगाया दांव

विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान आधी आबादी को देखते हुए पार्टियों ने जमकर महिला प्रत्याशियों पर दांव लगाया गया था। 2023 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने कुल 18 महिलाओं को मैदान में उतारा। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने 15 महिलाओं को चुनाव लड़ाया था। बात करें नतीजों की तो छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों पर 19 महिलाएं चुनकर सदन तक पहुंची हैं।

अब बारी लोकसभा चुनाव की है। एक बार फिर पार्टियों ने तय किया है कि आधी आबादी यानी महिलाओं के लिए अच्छी से अच्छी घोषणाएं की जाएं। इसकी वजह साफ है कि महिलाएं सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं।