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शेयर बेचा… उधर अकाउंट में आएगा पैसा, अब तो T+0 होगा लागू, जानिए कब से?

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 नई दिल्ली

अगर आप शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं तो फिर ये खबर आपके लिए खास है. इस महीने के अंत में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, जो शेयर खरीद-फरोख्त करने का तरीका ही बदल देगा. दरअसल, मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) 28 मार्च से कैश सेगमेंट में टी+0 (T+0) यानी सौदे वाले दिन ही सेटलमेंट की व्यवस्था का विकल्प देने जा रहा है.

अभी T+1 सिस्टम है लागू
रिपोर्ट के मुताबिक, सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा है कि शेयरों की खरीद-बिक्री के तत्काल निपटान (Quick Deal Settlement) की व्यवस्था मार्च 2025 से लागू कर दी जाएगी. फिलहाल भारतीय शेयर बाजार में T+1 (ट्रेडिंग+एक दिन) निपटान की व्यवस्था लागू है, जबकि दुनिया के ज्यादातर Share Markets में T+2 सिस्टम पर सौदों का निपटान किया जाता है. टी+0 व्यवस्था लागू करने वाला भारत, चीन के बाद दूसरा देश बन जाएगा.

दो चरणों में लागू होगा सिस्टम
बाजार नियामक सेबी (SEBI) की ओर से इस संबंध में पहले भी जानकारी शेयर की गई थी और बताय गया था कि शेयर बाजार में ये सिस्टम दो चरणों में लागू किया जाएगा. पहले चरण में टी+0 निपटान प्रणाली को दिन के 1.30 बजे तक के ट्रेड के लिए शुरू किया जाएगा, इसमें पैसे और शेयरों के सेटेलमेंट की प्रक्रिया को शाम 4.30 बजे तक पूरा कर लिया जाएगा. वहीं दूसरे चरण में वैकल्पिक त्वरित निपटान का विकल्प मौजूद होगा, जिसमें फंड्स के साथ सिक्योरिटीज दोनों की ट्रेड टू ट्रेड सेटलमेंट की जाएगी.

एम्फी के कार्यक्रम में बोंली सेबी चेयरपर्सन
इस प्रक्रिया को वैकल्पि क आधार पर लॉन्च किया जा रहा है. AMFI के कार्यक्रम के दौरान सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया है कि सेबी 28 मार्च से क्विक डील सेटलमेंट सिस्टम लागू करने जा रहा है. उन्होंने बीते साल ही इस नए सिस्टम के लागू किए जाने के संकेत दे दिये थे. ये सिस्टम लागू होने से शेयर बाजार में स्टॉक्स की खरीद-फरोख्त को और आसान बना देगा. सेबी की ओर से दिसंबर 2023 में इस संबंध में एक परामर्श पत्र जारी किया गया था.

SME सेगमेंट में हेरा-फेरी के संकेत
SEBI चेयरपर्सन ने सोमवार को इस कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि मार्केट रेग्युलेटर को एसएमई सेगमेंट में कीमतों में हेरा-फेरी के संकेत मिल रहे हैं. ऐसे में निवेशकों को सावधानी से निवेश करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की हेरा-फेरी ना केवल आईपीओ (IPO), बल्कि शेयरों की सामान्य खरीद-फरोख्त में भी देखने को मिली है. उन्होंने कहा कि हमारी इस पर पैनी नजर है और अगर कुछ गलत मिलता है, तो इस पर सार्वजनिक परामर्श जारी किया जा सकता है.