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प्रधानमंत्री मोदी के दौरे ने असम में स्थित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल काजीरंगा को बनाया टूरिज्म हॉटस्पॉट

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मुंबई
असम में स्थित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व की प्रसिद्धी में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और उम्मीद है कि यह जल्द ही एक लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन हॉटस्पॉट बन जाएगी। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में प्राकृतिक सुंदरता की भरमार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के बाद जिस तरह से इसकी लोकप्रियता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और ऐसा अनुमान है कि इसे अंतरराष्ट्रीय इको-पर्यटन स्थल का दर्जा दे दिया जाएगा।
 

सूत्रों का कहना है कि भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में असम राज्य में स्थित, राष्ट्रीय उद्यान एक प्राचीन प्राकृतिक स्थल है जो विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का घर है। हमें यकीन है, राष्ट्रीय उद्यान आने वाले दिनों में और अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा। 430 वर्ग किलोमीटर के शानदार भूभाग में फैला काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व ब्रह्मपुत्र घाटी क्षेत्र का सबसे बड़ा अबाधित और विशाल क्षेत्र है।

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे की दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने राष्ट्रीय उद्यान की अपनी यात्रा के दौरान हाथी की सफारी की। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय उद्यान के सेंट्रल कोहोरा रेंज में स्थित मिहिमुख क्षेत्र में एक जीप सफारी भी की। प्रधानमंत्री द्वारा इन सफ़ारियों को करने से न केवल यह राष्ट्रीय उद्यान और अधिक लोकप्रिय हो जाएगा, बल्कि इसके सकारात्मक प्रभावों से वन्यजीव पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान दुनिया में एक सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी आबादी के अलावा स्तनधारियों और पंखों वाले दुर्लभ पशु-पक्षियों की समृद्ध विविधता के लिए जाना जाता है। यह वैश्विक राष्ट्रीय उद्यानों में एक अद्वितीय रत्न है। असम के गोलाघाट और नागांव क्षेत्रों में स्थित, इसकी सीमा उत्तर में ब्रह्मपुत्र नदी और दक्षिण में कार्बी आंगलोंग पहाड़ों से लगती है। हरे-भरे चाय के बागानों से घिरा, राष्ट्रीय उद्यान प्राकृतिक परिदृश्य का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है।

राष्ट्रीय उद्यान 37 राजमार्गों से घिरा हुआ है, जो यहां तक पहुंच को आसान बनाता है और पर्यटकों को एक शानदार तथा अद्भुत अनुभव प्रदान करता है। 1974 में राष्ट्रीय उद्यान के रूप में नामित, काजीरंगा आज भी अपनी अनोखे और अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता से प्रकृति प्रेमियों को मंत्रमुग्ध करता है। यह राष्ट्रीय उद्यान पूर्वोत्तर भारत का गौरव है। हाल के आंकड़ों से यहां पर्यटन में भारी वृद्धि का पता चलता है। पिछले साल 15 अक्टूबर से अब तक इस उद्यान ने 1.80 लाख से अधिक पर्यटकों का स्वागत किया है। अगले दो वर्षों के दौरान पर्यटकों की संख्या में तीन गुना बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।