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कर्नाटक सरकार ने फूड कलरिंग एजेंट रोडामाइन-बी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी, गोभी मंचूरियन खाने वाले सावधान!

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कर्नाटक
कर्नाटक सरकार ने फूड कलरिंग एजेंट रोडामाइन-बी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। अक्सर इसका इस्तेमाल गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी जैसी चीजों में होता है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि अगर विक्रेता रेस्टोरेंट में इस केमिकल का यूज करते पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ा ऐक्शन होगा। उन्होंने कहा, 'गोभी मंचूरियन डिश के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया है जिसे बनाने के लिए हानिकारक रोडामाइन-बी का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। हमने इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। अगर सरकार के आदेश का पालन नहीं हुआ तो 7 साल या आजीवन कारावास हो सकता है। साथ ही 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।'

दिनेश गुंडू राव ने कहा कि दूसरे खाद्य पदार्थों को लेकर भी जांच चल रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि किन चीजों में हानिकारक रंग एजेंट का इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा, 'खाद्य सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इसलिए हम यह पता लगाने के लिए और अधिक व्यंजनों की जांच करेंगे कि उनमें रंग भरने वाले किस एजेंट को मिलाया जा रहा है। आम लोगों को भी इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि वे किस तरह का खाना खा रहे हैं। उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए कि आखिर उसमें कौन सी चींजे शामिल हैं।' स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रेस्तरां मालिकों को भी लोगों की सेहत को लेकर जिम्मेदार होना पड़ेगा। अगर, ऐसा नहीं हुआ तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गोवा में भी गोभी मंचूरियन की बिक्री पर रोक
पिछले महीने गोवा के स्थानीय निकाय ने अपने अधिकार क्षेत्र में सड़क किनारे खड़े होने वाले ठेलों पर गोभी मंचूरियन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था। एक अधिकारी ने बताया कि इस व्यंजन को साफ-सुथरे तरीके से तैयार नहीं किए जाने के कारण स्वास्थ्य संबंधित चिंताएं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। म्हापसा नगर पालिका की अध्यक्ष प्रिया मिशाल ने बताया कि निकाय ने प्रस्ताव पारित कर रेहड़ी-पटरी पर बेचे जाने वाले व्यंजन पर प्रतिबंध लगाया है। मिशाल ने कहा, 'विक्रेता व्यंजन बनाते समय स्वच्छता का ख्याल नहीं रखते और गोबी मंचूरियन तैयार करने के लिए रासायनिक रंगों का उपयोग करते हैं। पार्षद तारक अरोलकर ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने सुझाव दिया कि श्री बोडगेश्वर मंदिर के वार्षिक मेले के दौरान गोबी मंचूरियन बेचने वालों को रेहड़ी या ठेला लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।