नई दिल्ली.
लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बाकी हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपने-अपने प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। देश में चल रही चुनावी तैयारियों के बीच, रविवार को चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। हालांकि, आम चुनावों की व्यवस्था का पूरा दरोमदार मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के कंधों पर है।
अरुण गोयल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। इस साल फरवरी में अनूप पांडे के सेवानिवृत्त और गोयल के इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रह गए हैं। अरुण गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) बनने की कतार में थे, उनका कार्यकाल पांच दिसंबर, 2027 तक था। जबकि मौजूदा सीईसी राजीव कुमार अगले साल फरवरी में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उनके बाद गोयल ही अगले मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनने वाले थे।
इस्तीफे का कारण?
सूत्रों के मुताबिक, गोयल ने निजी कारणों से इस्तीफा देने की बात कही है। सरकार की तरफ से उन्हें इस्तीफा नहीं देने के लिए मनाने की भी कोशिश हुई, लेकिन वह नहीं माने। सूत्रों का दावा है कि पांच मार्च को गोयल सेहत का हवाला देते हुए कोलकाता दौरा बीच में छोड़ आए थे। आठ मार्च को उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव के साथ चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती के संबंध में बैठक में हिस्सा लिया था। इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार भी थे। कुछ रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि ‘विभिन्न मुद्दों पर मतभेद’ थे, जिसके कारण इस्तीफा दिया गया है।