भोपाल
मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में तृतीय श्रेणी लिपिकों की भर्ती में अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 63 फीसदी आरक्षण रहेगा। इसके अलावा ईडब्ल्यूएस के लिए दस फीसदी पद आरक्षित रहेंगे। इस तरह कुल 73 फीसदी आरक्षण लागू होगा। वहीं सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों पर नियुक्त होंने वाले कर्मचारियों को तीन वर्ष के प्रोबेशन पर काम करना होगा। इस दौरान उन्हें सत्तर से 90 फीसदी वेतन दिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने लिपिकों की भर्ती के लिए नये नियम तय कर दिए है। इसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग को 20 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग को 16 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। सीधी भर्ती से भरे जाने वाले राज्य स्तरीय पदोंं, संवर्गो के लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी माडल आरक्षण रोस्टर लागू होगा। क्षैतिज आरक्षण में महिलाओं की नियुक्ति के लिए विशेष उपबंध यहां लागू होंगे इसमें सभी पदों के लिए पैतीस प्रतिशत पद महिलाओं के लिए रहेंगे। यह आरक्षण समस्तर और प्रभागवार होगा। दिव्यांगजनों के लिए राज्य शासन के आरक्षण नियम लागू होंगे नि:शक्त या शारीरिक विकलांगों को हॉरिजेंटल आरक्षण मिलेगा।
मध्यप्रदेश के भूतपूर्व सैनिकों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा तृतीय श्रेणी, चतुर्थ श्रेणी की रिक्तियों में दिए गए आरक्षण के अनुसार तृतीय श्रेणी में दस प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी में बीस प्रतिशत हॉरिजेंटल आरक्षण मिलेगा। ईडब्ल्यू एस श्रेणी में ऐसे व्यक्तियों को दस प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा जो अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग को दिए गए आरक्षण की श्रेणी में नहीं आते है। मध्यप्रदेश शासन के पदोन्नति के नियमों के अनुसार पद भरे जाएंगे। पात्र उम्मीदवारों की पदोन्न्ति के लिए प्रारंभिक चयन एक समिति गठन कर किया जाएगा। आरक्षित रिक्तियों में पदोन्नति करने के लिए प्रक्रिया सरकार के नियमों के तहत होगी।
50% पद संविदा से भरे जाएंगे
उपनियम एक के खंड एक में अपेक्षित व्यक्तियों की संख्या के पचास प्रतिशत पद उन व्यक्तियों के लिए आरक्षित होंगे जो संविदा आधार पर नियुक्त किये गए है। ऐसे आरक्षण का लाभ केवल एक बार दिया जाएगा।
आरक्षित श्रेणी को 45 वर्ष तक नियुक्ति
अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और विभागों, निगम मंडल, आयोग, स्वायत्तशासी निकाय, होमगार्ड में कार्यरत शासकीय सेवकों और महिला अभ्यर्थियों के लिए आयु सीमा 45 वर्ष होगी।